मिस यूनिवर्स मंच पर भारतीय सौंदर्य की चमक, अंतरराष्ट्रीय मंच पर दमकती साड़ी में मणिका विश्वकर्मा ने जीता दुनिया का दिल

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थाईलैंड में चल रही 74वीं मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं मिस इंडिया मणिका विश्वकर्मा ने अपने अद्वितीय सौंदर्य, व्यक्तित्व और भारतीय परंपरा से जुड़े शानदार फैशन चुनाव के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. प्रतियोगिता के दौरान जब मणिका ने मोरपंखी हरे रंग की चमकदार साड़ी में मंच पर कदम रखा, तो दर्शकों से लेकर विशेषज्ञों तक सभी की निगाहें उन पर टिक गईं. उनके इस पारंपरिक भारतीय परिधान ने न केवल साड़ी की कालातीत सुंदरता को विश्व के सामने नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया, बल्कि भारतीय शिल्पकला और संस्कृति की गरिमा को भी वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रमुखता से स्थापित किया.

प्रतियोगिता के लिए तैयार की गई इस विशेष साड़ी में सुनहरे जरी के महीन काम और सीक्विन की झिलमिलाहट थी, जो रोशनी पड़ते ही अलग ही आभा बिखेर रही थी. मुलायम शिफॉन फैब्रिक से बनी इन छह गज की शान में चारों ओर अप्लीक बॉर्डर, सूक्ष्म कढ़ाई, फूलों से प्रेरित डिजाइन और पैटर्न की ऐसी उभरी हुई नज़ाकत थी, जो राजसी वैभव की याद दिलाती है. मंच पर जैसे ही उन्होंने साड़ी को सहजता और आत्मविश्वास के साथ ओढ़े हुए कदम रखा, पूरा वातावरण भारतीय सौंदर्यशास्त्र की गरिमा से भर उठा.

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साड़ी के साथ उन्होंने उसी रंग का मैचिंग ब्लाउज पहना, जिसमें चौड़ी बोट कट नेकलाइन और गहरी फ्रंट सिल्हूट थी, जो पूरी तरह से पारंपरिक और आधुनिक सौंदर्य का संतुलित मिश्रण प्रदान करती थी. पीछे की ओर बैकलेस डिजाइन, डोरी बांधने का पारंपरिक अंदाज़, सुनहरी कढ़ाई और बेहद उत्तम फिट ने इस परिधान की शोभा और बढ़ा दी. मणिका के इस लुक में एक साथ परंपरा, युवा ऊर्जा और फैशन की आधुनिक समझ झलक रही थी.

उनके गहनों का चयन भी उतना ही प्रभावशाली रहा. पन्नों और क्रिस्टल से जड़े नाजुक आभूषणों में चोकर नेकलेस, मेल खाते झुमके, कड़े और मांग टीका शामिल थे—जो उनकी सुंदरता को और परिष्कृत कर रहे थे. मेकअप की बात करें तो मणिका ने ग्लैमरस लेकिन सादगीपूर्ण अंदाज़ चुना—गाढ़ी आइब्रो, सुनहरी आईशैडो, विंग्ड आईलाइनर, घनी पलकें, उभरे हुए गुलाबी गाल, चमकदार हाइलाइटर, कोरल पिंक होंठ और माथे पर सजी छोटी सी बिंदी ने उनके भारतीय रूप के आकर्षण को और निखारा. बालों को उन्होंने केंद्र से मांग निकालकर पारंपरिक चोटी के रूप में संवार रखा, जो पूरे भारतीय परिधान के सौंदर्य को पूर्णता देता था.

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मिस यूनिवर्स संगठन ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पोस्ट में मणिका की इस छवि को साझा करते हुए न केवल उनके फैशन चुनाव की सराहना की, बल्कि उनके व्यक्तित्व के उन पहलुओं को भी उजागर किया जिन्हें आमतौर पर कम लोग जानते हैं. संगठन ने लिखा कि मणिका केवल सौंदर्य प्रतियोगिता का चेहरा भर नहीं हैं, बल्कि बौद्धिक रूप से सक्षम, रचनात्मक और उद्देश्यपूर्ण कार्यों से जुड़ी एक युवा भारतीय प्रतिभा हैं. वे राजनीति विज्ञान की छात्रा हैं, पुरस्कार विजेता कलाकार हैं और अपनी पहल ‘न्यूरोवा’ के माध्यम से न्यूरो डाइवर्सिटी की पैरवी करती हैं. उनका उद्देश्य समावेशी शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और कला के माध्यम से अभिव्यक्ति की शक्ति को दुनिया तक पहुंचाना है.

इस पोस्ट में उनके बारे में एक कम ज्ञात तथ्य भी साझा किया गया—मणिका एक प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवर भी हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वास्थ्य की पहुंच बढ़ाने के लिए स्वयंसेवक के रूप में कार्य करती हैं. इससे उनका व्यक्तित्व और भी व्यापक एवं प्रेरणादायी बनता है, क्योंकि वे सौंदर्य से आगे बढ़कर वास्तविक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में भी योगदान दे रही हैं.

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74वीं मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भारत की ओर से उन्हें लगातार मिल रही सराहना से यह स्पष्ट है कि मणिका विश्वकर्मा ने न केवल अपने सौंदर्य बल्कि अपनी प्रतिभा, संवेदनशीलता और भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत को भी सफलतापूर्वक विश्व समुदाय के सामने प्रस्तुत किया है. प्रतियोगिता के हर चरण में उनके आत्मविश्वास भरे उत्तर, विचारों की स्पष्टता और भारतीय मूल्यों को लेकर उनकी सहज विनम्रता दर्शकों और न्यायाधीशों दोनों पर गहरा प्रभाव छोड़ रही है.

मणिका की यह यात्रा केवल एक प्रतियोगिता तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह भारतीय युवाओं की नई पीढ़ी के आत्मविश्वास, प्रतिभा और विश्व मंच पर उभरती पहचान का प्रतीक भी है. थाईलैंड के मंच पर सजी उनकी यह छवि भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीय महिला की गरिमा और उसकी असीम संभावनाओं का एक उजला परिचय बन गई है. जैसे-जैसे प्रतियोगिता आगे बढ़ रही है, भारत की उम्मीदें भी उनसे उसी तरह बढ़ रही हैं और दुनिया भर के दर्शक अब उत्सुक हैं कि यह युवा प्रतिभाशाली भारतीय सुंदरता प्रतियोगिता के अंतिम परिणाम में क्या कमाल दिखाती है.

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