बस्ती में देवउठनी एकादशी पर जागे भगवान विष्णु:मांगलिक कार्य शुरू, संपन्न हुआ तुलसी विवाह

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बस्ती में शनिवार को देवउठनी एकादशी का पर्व धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागे। इसके साथ ही शादी-विवाह सहित सभी मांगलिक कार्यों के शुभ मुहूर्त का आरंभ हो गया। मंदिरों में विशेष पूजन-अर्चन हुआ, वहीं घरों में तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। शहर के रामजानकी मंदिर, हनुमानगढ़ी, करुआ बाबा मंदिर और दुर्गा मंदिर समेत ग्रामीण क्षेत्रों के देवी-देवता स्थलों पर श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन किया। महिलाओं ने भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा कर अखंड सौभाग्य तथा परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर जगह-जगह पारंपरिक तुलसी विवाह का आयोजन हुआ, जिसमें भगवान शालीग्राम और माता तुलसी की प्रतिमाओं को विवाह मंडप में विराजमान कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संस्कार संपन्न कराए गए। देवउठनी एकादशी के कारण बाजारों में भी विशेष रौनक देखने को मिली। गन्ने के जोड़े, सिंघाड़ा, आंवला, बताशे, पूजन सामग्री और तुलसी के पौधों की खरीददारी के लिए दिनभर चहल-पहल बनी रही। बाजार में लाल गन्ना 40 रुपए प्रति जोड़ा, सफेद गन्ना 30 रुपये प्रति जोड़ा और सिंघाड़ा 40 रुपए प्रति किलो तक बिका। पंडित काशी बाबा ने बताया कि देवशयन एकादशी से भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी पर उनके जागरण से शुभ कार्यों का पुनः आरंभ होता है। उन्होंने बताया कि इस दिन तुलसी विवाह के साथ ही मांगलिक कार्य, गृह प्रवेश और अन्य शुभ संस्कारों की शुरुआत की जा सकती है। इस पर्व ने पूरे जनपद में भक्ति और उत्साह का वातावरण निर्मित किया।

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