कप्तानगंज के लक्षिमनपुर नगर पंचायत में हरिश्चंद्र तिवारी के निवास पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। अयोध्या से आए कथावाचक आचार्य गोपाल शास्त्री जी महाराज ने कंस वध और रुक्मिणी विवाह प्रसंग का वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए। कथावाचक ने बताया कि कंस एक अत्याचारी राजा था, जिसने अपने पिता उग्रसेन को कैद कर लिया था और अपनी बहन देवकी व उसके पति वसुदेव को भी बंदी बनाया था। भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा आकर मल्लयुद्ध में कंस के योद्धाओं को पराजित किया और अंततः स्वयं कंस का वध किया। इसके बाद श्रीकृष्ण ने उग्रसेन को पुनः मथुरा का राजा बनाया और जनकल्याण स्थापित किया। रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुनाते हुए आचार्य शास्त्री ने बताया कि विदर्भराज भीष्मक की पुत्री रुक्मिणी भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम करती थीं। हालांकि, उनके भाई रुक्मी उनका विवाह शिशुपाल से कराना चाहते थे। रुक्मिणी ने श्रीकृष्ण को संदेश भेजा, जिसके बाद श्रीकृष्ण समय पर विदर्भ पहुँचे। उन्होंने रुक्मिणी को मंदिर से ले जाकर रुक्मी को पराजित किया और द्वारका में उनका विधिवत विवाह संपन्न हुआ। आचार्य शास्त्री ने कहा कि कंस वध ने अधर्म का अंत किया, जबकि रुक्मिणी विवाह ने धर्म, प्रेम और आदर्श गृहस्थ जीवन की स्थापना की। इस अवसर पर सीए चंद्रप्रकाश शुक्ला, पूर्व विधायक कप्तानगंज प्रदीप तिवारी, संदीप तिवारी, गौरव शुक्ला, महंत रौनक तिवारी, शशिकांत तिवारी, शिव रतन तिवारी, सूर्य प्रकाश पांडे, कुलदीप तिवारी, प्रवीण तिवारी, विशाल तिवारी, सर्वेश ओझा, पंकज ओझा, बब्बू पाल, वेद प्रकाश मिश्रा, सुनील तिवारी, विनय उपाध्याय, लालचंद गौड़, इंद्रजीत गौड़, अभय शंकर सोनी, अरविंद यादव, चंद्रप्रकाश अनुराग तिवारी, गोलू गौरव शुक्ला और पूर्व मंडल अध्यक्ष राजेश तिवारी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।









































