बस्ती के विक्रमजोत विकास क्षेत्र अंतर्गत छतौना गांव में लगभग पांच वर्ष पूर्व निर्मित पीपा पुल नदी में बह गया है। इससे माझा क्षेत्र में खेती करने वाले ग्रामीणों और किसानों को आवागमन में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यह पुल ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाया गया था, लेकिन अब इसकी स्थिति दयनीय हो गई है। छतौना गांव की अधिकांश कृषि भूमि नदी के कटाव के कारण माझा क्षेत्र में पड़ती है, जो दो नदियों के बीच स्थित है। पहले यह पीपा पुल ग्रामीणों को गांव से माझा तक आने-जाने और ट्रैक्टर जैसे कृषि उपकरण ले जाने में मदद करता था। पुल के बह जाने के बाद अब उन्हें नाव का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है। इस समस्या के संबंध में भारतीय किसान यूनियन जनशक्ति के जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह ने सोमवार को जिलाधिकारी बस्ती को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि पुल की वर्तमान स्थिति के कारण दैनिक आवागमन बाधित हो गया है और दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। ज्ञापन के माध्यम से रविंद्र सिंह ने मांग की है कि इस पीपा पुल के कारण हजारों हेक्टेयर भूमि पर कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने इस समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए स्थायी पुल निर्माण का प्रस्ताव संबंधित विभाग से स्वीकृत कराने की मांग की। इसके साथ ही, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई बाढ़ विभाग और संबंधित विभागों के तकनीकी दल द्वारा निरीक्षण कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने, पुल निर्माण हेतु आवश्यक चिन्हांकन, बजट स्वीकृति और निविदा प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने तथा कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट जनमानस के लिए उपलब्ध कराने की भी मांग की गई है। इस दौरान बम्बहादुर यादव (जिला उपाध्यक्ष), सूर्य प्रकाश सिंह (तहसील अध्यक्ष), पप्पू लाल (ब्लॉक अध्यक्ष), अमित सिंह और नितिन सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।








