श्रावस्ती में सिविल जज के आदेश के बावजूद कब्जा:निजी जमीन पर दबंगों का कब्जा जारी, महिला ने की शिकायत

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श्रावस्ती में सिविल जज (प्रवर खंड) के स्थगन आदेश के बावजूद एक निजी जमीन पर अवैध कब्जा जारी है। पीड़ित महिला राधिका देवी ने इस संबंध में उच्च अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई है। राधिका देवी ने सिविल जज (प्रवर खंड) के समक्ष एक याचिका दायर की थी। न्यायालय ने गाटा संख्या 234, मौजा कथरा माफी, तहसील जमुनहा, जनपद श्रावस्ती स्थित जमीन पर जबरन कब्जा न करने, उस पर लगी फसल को नष्ट न करने और वादी के शांतिपूर्ण कब्जे में हस्तक्षेप न करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि यह आदेश तभी प्रभावी होगा जब दावा दायर करने से पहले विवादित संपत्ति के संबंध में किसी व्यक्ति का कोई हित सृजित न हुआ हो। यह आदेश अन्य भूमि या राज्य सरकार की किसी संपत्ति पर लागू नहीं होगा। आदेश में यह भी कहा गया था कि प्रतिवादी की उपस्थिति और जवाब दावा प्रस्तुत करने पर, यदि वादी मौके पर अनुपस्थित रहता है, तो आदेश 39 नियम 4 के तहत यह आदेश निष्प्रभावी कर दिया जाएगा। वादी को आदेश 39 नियम 3 और 3 ख के तहत पैरवी कर शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। प्रतिवादी को नोटिस जारी कर 28 नवंबर 2025 को आपत्ति निस्तारण के लिए पत्रावली पेश करने का आदेश दिया गया है। वादी के अधिवक्ता ने अमीन कमीशन के लिए प्रार्थना पत्र 8 ग पर भी जोर दिया। मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, विवादित भूमि की वर्तमान स्थिति और चौहद्दी का निर्धारण करने के लिए अमीन कमीशन आवश्यक माना गया है। न्यायालय ने कमीशन के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करने का पर्याप्त आधार पाया है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी जमुनहा संजय राय से बात करने पर उन्होंने बताया कि मामले की जांच करके उचित कार्यवाही की जाएगी और न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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