बस्ती में हैंडपंप खराब, ग्रामीण स्वच्छ जल को तरसे:लाखों खर्च के बावजूद बदहाली, बीडीओ ने जांच के दिए निर्देश

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बस्ती में हैंडपंपों की स्थिति बदहाल हो गई है। गांवों में स्वच्छ पेयजल के लिए लगाए गए ये हैंडपंप या तो गंदा पानी दे रहे हैं या महीनों से खराब पड़े हैं। इससे ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है। राहगीरों और स्थानीय निवासियों, जिनमें राहुल, विमल और राकेश शामिल हैं, ने बताया कि सरकार हर साल स्वच्छ जल योजना के तहत लाखों रुपये खर्च करती है। हालांकि, जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। उनका आरोप है कि कई जगहों पर मरम्मत के नाम पर केवल कागजों में काम दिखाया जाता है। इस मामले पर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) योगेंद्र राम त्रिपाठी ने जानकारी दी कि हैंडपंपों की मौजूदा स्थिति की जांच के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि खराब पड़े हैंडपंपों की सूची तैयार की जाएगी और उनकी जल्द मरम्मत कराई जाएगी, ताकि ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके। ग्रामीणों ने संबंधित विभाग से जल्द से जल्द सभी खराब हैंडपंपों की मरम्मत कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे लोगों को दूषित पानी पीने से छुटकारा मिलेगा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सकेगा।

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