विकास खंड उतरौला के ग्राम बांदी जोत में पराली जलाने से लाखों रुपये की गन्ने की फसल जलकर राख हो गई। यह घटना तब हुई जब एक पड़ोसी किसान अपने खेत में पराली जला रहा था। जानकारी के अनुसार, किसान लोधे अपनी पत्नी के साथ अपने खेत में पराली जला रहे थे। इसी दौरान तेज हवाएं चलने लगीं, जिससे आग की लपटें तेजी से फैल गईं और पास के गन्ने के खेत तक पहुंच गईं। गन्ने के खेत में आग लगते ही लपटें और ऊंची उठने लगीं। धुआं देखकर ग्रामीण जेडी पैंथर, राम निवास, कोटेदार, ऋषि कुमार, अभिनायक, मुकुल कुमार सहित सैकड़ों लोग मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास करने लगे। आग पर काबू पाने में कठिनाई होने पर ट्रैक्टर से गन्ने को जोतकर आग को फैलने से रोकने का प्रयास किया गया। हालांकि, आग इतनी भीषण थी कि उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया गया, लेकिन वह आग बुझाने में सफल नहीं हो पाई। किसानों और ग्रामीणों ने मिलकर किसी तरह आग पर काबू पाया, तब तक काफी नुकसान हो चुका था।
पराली जलाने से लाखों की गन्ने की फसल जली:दमकल भी आग बुझाने में विफल, राजस्व विभाग नहीं पहुंचा
विकास खंड उतरौला के ग्राम बांदी जोत में पराली जलाने से लाखों रुपये की गन्ने की फसल जलकर राख हो गई। यह घटना तब हुई जब एक पड़ोसी किसान अपने खेत में पराली जला रहा था। जानकारी के अनुसार, किसान लोधे अपनी पत्नी के साथ अपने खेत में पराली जला रहे थे। इसी दौरान तेज हवाएं चलने लगीं, जिससे आग की लपटें तेजी से फैल गईं और पास के गन्ने के खेत तक पहुंच गईं। गन्ने के खेत में आग लगते ही लपटें और ऊंची उठने लगीं। धुआं देखकर ग्रामीण जेडी पैंथर, राम निवास, कोटेदार, ऋषि कुमार, अभिनायक, मुकुल कुमार सहित सैकड़ों लोग मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास करने लगे। आग पर काबू पाने में कठिनाई होने पर ट्रैक्टर से गन्ने को जोतकर आग को फैलने से रोकने का प्रयास किया गया। हालांकि, आग इतनी भीषण थी कि उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया गया, लेकिन वह आग बुझाने में सफल नहीं हो पाई। किसानों और ग्रामीणों ने मिलकर किसी तरह आग पर काबू पाया, तब तक काफी नुकसान हो चुका था।









































