बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम:दुल्हा कॉलेज में छात्रों को दुष्परिणामों और अधिकारों की जानकारी

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“बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज दुल्हा में एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम चल रहे 100 दिवसीय जागरूकता अभियान का हिस्सा था। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को बाल विवाह क्या है, यह कानूनन अपराध क्यों है, तथा इसके सामाजिक, मानसिक और शारीरिक दुष्परिणामों के बारे में सरल और प्रभावी ढंग से जानकारी प्रदान की गई। साथ ही, विद्यार्थियों को बाल शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम निषेध कानून, बाल संरक्षण, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन तथा बच्चों के अन्य मौलिक अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी दी गईं। उन्हें समझाया गया कि कम उम्र में विवाह होने से शिक्षा प्रभावित होती है, स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा भविष्य की संभावनाएँ सीमित हो जाती हैं। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं, प्रधानाचार्य एवं समस्त शिक्षकगण ने सहभागिता दर्ज कराई। एस.एस.बी. 43 बटालियन से उपनिरीक्षक सुमित कुमार सहित अन्य पाँच जवान, तथा मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान (MSEMVS) से श्री रोहित दुबे एवं श्री राम शंकर विशेष रूप से उपस्थित रहे। अपने प्रेरक संबोधन में उपनिरीक्षक सुमित कुमार ने कहा कि बाल विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों के सपने पूरे नहीं हो पाते। उन्होंने छात्रों से अपनी शिक्षा और उड़ान को मजबूती देने तथा बाल विवाह से दूरी बनाए रखने का आग्रह किया। इसके साथ ही, उन्होंने बच्चों को बाल श्रम, मानव तस्करी और स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के समय में 30 वर्ष की आयु तक भी विवाह में देरी असामान्य नहीं मानी जाती। उन्होंने छात्रों को पहले अपनी शिक्षा पूरी करने, स्वयं को सक्षम बनाने और उसके बाद ही सही समय पर विवाह का निर्णय लेने की सलाह दी। कार्यक्रम के अंत में MSEMVS संस्था की ओर से बच्चों को उनके अधिकारों, सुरक्षा और उज्ज्वल भविष्य के प्रति सजग रहने हेतु प्रेरित किया गया।
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