जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने विकासखंड बढ़नी की ग्राम पंचायत अकरहरा में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत स्थापित मत्स्य आहार प्लांट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने प्लांट की उत्पादन प्रक्रिया का अवलोकन किया। इस प्लांट की क्षमता 100 टन मत्स्य आहार प्रति माह है, जिससे स्थानीय मत्स्य पालकों को आसानी से आहार उपलब्ध हो रहा है। अकरहरा ग्राम पंचायत में लगभग 250 से 300 हेक्टेयर भूमि पर मत्स्य पालन किया जाता है। किसानों ने जिलाधिकारी को बताया कि वे मुख्य रूप से पैगंसियस और रूप चंद मछली का पालन करते हैं। इससे प्रतिवर्ष लगभग 25 से 30 टन मछली का उत्पादन होता है, जिससे किसानों को 5 से 6 लाख रुपये तक का लाभ मिलता है। जिलाधिकारी ने मत्स्य पालन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए सहायक निदेशक मत्स्य को आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर मत्स्य आहार प्लांट के मालिक मस्सू और मिनहाज सहित जिले के कई अधिकारी उपस्थित रहे।
डीएम ने अकरहरा में मत्स्य आहार प्लांट का निरीक्षण किया:100 टन क्षमता वाले प्लांट से स्थानीय किसानों को लाभ
जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने विकासखंड बढ़नी की ग्राम पंचायत अकरहरा में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत स्थापित मत्स्य आहार प्लांट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने प्लांट की उत्पादन प्रक्रिया का अवलोकन किया। इस प्लांट की क्षमता 100 टन मत्स्य आहार प्रति माह है, जिससे स्थानीय मत्स्य पालकों को आसानी से आहार उपलब्ध हो रहा है। अकरहरा ग्राम पंचायत में लगभग 250 से 300 हेक्टेयर भूमि पर मत्स्य पालन किया जाता है। किसानों ने जिलाधिकारी को बताया कि वे मुख्य रूप से पैगंसियस और रूप चंद मछली का पालन करते हैं। इससे प्रतिवर्ष लगभग 25 से 30 टन मछली का उत्पादन होता है, जिससे किसानों को 5 से 6 लाख रुपये तक का लाभ मिलता है। जिलाधिकारी ने मत्स्य पालन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए सहायक निदेशक मत्स्य को आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर मत्स्य आहार प्लांट के मालिक मस्सू और मिनहाज सहित जिले के कई अधिकारी उपस्थित रहे।









































