श्रावस्ती के नासिरगंज कस्बे में सोमवार रात को अय्यामे फातिमा की दूसरी मजलिस आयोजित की गई। इस दौरान सुबह से ही कस्बे में मातमी माहौल और विशेष रौनक दिखाई दी। मजलिस में आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में मोमिनीन (श्रद्धालु) शामिल हुए।मजलिस में उपस्थित आलिम ने हजरत फातिमा जहरा (स.अ.) के जीवन और उनकी शहादत पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पैगंबर के निधन के बाद हजरत फातिमा (स.अ.) को कई कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हमेशा धैर्य और साहस का परिचय दिया।मजलिस के दौरान उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गईं। सभी मोमिनीन ने हजरत फातिमा (स.अ.) को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके प्रति अपना शोक व्यक्त किया। मजलिस संपन्न होने के बाद मातमी माहौल में सोज और नौहा भी पढ़ा गया।नासिरगंज में अय्यामे फातिमा की मजलिसों का सिलसिला आने वाली रातों में भी जारी रहेगा।









































