बलरामपुर स्थित गुरुकुल एकेडमी में अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन (PTM) का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जहाँ बच्चों की शैक्षणिक प्रगति, अनुशासन और नैतिक शिक्षा पर विस्तृत चर्चा की गई। विद्यालय परिवार ने छात्रों की दैनिक दिनचर्या और समग्र विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अभिभावकों के साथ संवाद किया। इसका उद्देश्य घर और विद्यालय के बीच समन्वय स्थापित कर बच्चों के बेहतर भविष्य की दिशा में काम करना था। विद्यालय के प्रबंधक श्री उमेश मिश्रा, जो जिले के जाने-माने भौतिकशास्त्री और शिक्षाविद् हैं, ने अभिभावकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा तभी सार्थक होती है जब घर और विद्यालय दोनों समान रूप से योगदान दें। श्री मिश्रा ने बताया कि उनके पढ़ाए हुए हजारों विद्यार्थी आज वैज्ञानिक, प्रोफेसर और केंद्रीय सेवाओं में कार्यरत होकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों की नियमित पढ़ाई, समय प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिष्टाचार और चरित्र निर्माण के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गुरुदेव विश्वकर्मा और प्रशासक श्री दीपक ओझा ने भी अभिभावकों को संबोधित किया। उन्होंने प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों की शैक्षिक गतिविधियों, चुनौतियों और सुधार के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही, उन्होंने अभिभावकों की शंकाओं और समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनकर उनके समाधान भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यालय और अभिभावकों के बीच समन्वय को मजबूत करना तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक बेहतर शिक्षण वातावरण तैयार करना था। विद्यालय परिवार ने अभिभावकों का धन्यवाद ज्ञापित किया और भविष्य में भी इसी प्रकार सहयोग बनाए रखने की अपील की।
बलरामपुर में अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन आयोजित:बच्चों की प्रगति पर हुई चर्चा, अभिभावकों ने लिया भाग
बलरामपुर स्थित गुरुकुल एकेडमी में अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन (PTM) का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जहाँ बच्चों की शैक्षणिक प्रगति, अनुशासन और नैतिक शिक्षा पर विस्तृत चर्चा की गई। विद्यालय परिवार ने छात्रों की दैनिक दिनचर्या और समग्र विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अभिभावकों के साथ संवाद किया। इसका उद्देश्य घर और विद्यालय के बीच समन्वय स्थापित कर बच्चों के बेहतर भविष्य की दिशा में काम करना था। विद्यालय के प्रबंधक श्री उमेश मिश्रा, जो जिले के जाने-माने भौतिकशास्त्री और शिक्षाविद् हैं, ने अभिभावकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा तभी सार्थक होती है जब घर और विद्यालय दोनों समान रूप से योगदान दें। श्री मिश्रा ने बताया कि उनके पढ़ाए हुए हजारों विद्यार्थी आज वैज्ञानिक, प्रोफेसर और केंद्रीय सेवाओं में कार्यरत होकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों की नियमित पढ़ाई, समय प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिष्टाचार और चरित्र निर्माण के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गुरुदेव विश्वकर्मा और प्रशासक श्री दीपक ओझा ने भी अभिभावकों को संबोधित किया। उन्होंने प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों की शैक्षिक गतिविधियों, चुनौतियों और सुधार के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही, उन्होंने अभिभावकों की शंकाओं और समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनकर उनके समाधान भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यालय और अभिभावकों के बीच समन्वय को मजबूत करना तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक बेहतर शिक्षण वातावरण तैयार करना था। विद्यालय परिवार ने अभिभावकों का धन्यवाद ज्ञापित किया और भविष्य में भी इसी प्रकार सहयोग बनाए रखने की अपील की।









