बलरामपुर के श्रदत्तगंज स्थित चमरूपुर बाजार के रामलीला मैदान में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा तीन दिवसीय श्री हरि कथामृत का आयोजन किया गया है। इसके पहले दिन कथा व्यास स्वामी विष्णु प्रकाशानंद ने श्रीराम कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा के दौरान स्वामी विष्णु प्रकाशानंद ने श्रीराम जन्म प्रसंग सुनाते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम जगपालक और संपूर्ण सृष्टि के नियामक हैं। उन्होंने बताया कि निराकार परमात्मा धर्म की स्थापना के लिए समय-समय पर साकार रूप धारण कर पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। स्वामी जी ने गोस्वामी तुलसीदास द्वारा श्रीरामचरितमानस में प्रभु श्रीराम के जन्म से लेकर उनकी समस्त लीलाओं के विस्तृत वर्णन का भी उल्लेख किया। उन्होंने अयोध्या को मानव शरीर का प्रतीक बताया, जिसमें राम रूपी ईश्वर का वास होता है। कथा में राम जन्म की मनोहारी झांकी सजाई गई, वहीं संत समाज ने बधाई गीत गाए। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालु भक्तों ने नृत्य कर अपनी श्रद्धा और उल्लास प्रकट किया। कथा व्यास ने यह भी बताया कि माता कौशल्या ने अपने अंतःकरण में प्रभु श्रीराम के चतुर्भुज स्वरूप के दर्शन किए थे और एक पूर्ण गुरु की कृपा से प्रत्येक मानव को ईश्वर दर्शन संभव है। इस अवसर पर राजेंद्र प्रसाद वर्मा, हीरा लाल, मंगरे गुप्ता, ग्राम प्रधान शिव शंकर सैनी, नंदे गुप्ता, विनय वर्मा, राम प्रकाश, कल्लू, दुर्गेश कौशल, जातिन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
श्रदत्तगंज में तीन दिवसीय श्री हरि कथामृत शुरू:स्वामी विष्णु प्रकाशानंद ने सुनाया श्रीराम जन्म प्रसंग
बलरामपुर के श्रदत्तगंज स्थित चमरूपुर बाजार के रामलीला मैदान में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा तीन दिवसीय श्री हरि कथामृत का आयोजन किया गया है। इसके पहले दिन कथा व्यास स्वामी विष्णु प्रकाशानंद ने श्रीराम कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा के दौरान स्वामी विष्णु प्रकाशानंद ने श्रीराम जन्म प्रसंग सुनाते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम जगपालक और संपूर्ण सृष्टि के नियामक हैं। उन्होंने बताया कि निराकार परमात्मा धर्म की स्थापना के लिए समय-समय पर साकार रूप धारण कर पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। स्वामी जी ने गोस्वामी तुलसीदास द्वारा श्रीरामचरितमानस में प्रभु श्रीराम के जन्म से लेकर उनकी समस्त लीलाओं के विस्तृत वर्णन का भी उल्लेख किया। उन्होंने अयोध्या को मानव शरीर का प्रतीक बताया, जिसमें राम रूपी ईश्वर का वास होता है। कथा में राम जन्म की मनोहारी झांकी सजाई गई, वहीं संत समाज ने बधाई गीत गाए। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालु भक्तों ने नृत्य कर अपनी श्रद्धा और उल्लास प्रकट किया। कथा व्यास ने यह भी बताया कि माता कौशल्या ने अपने अंतःकरण में प्रभु श्रीराम के चतुर्भुज स्वरूप के दर्शन किए थे और एक पूर्ण गुरु की कृपा से प्रत्येक मानव को ईश्वर दर्शन संभव है। इस अवसर पर राजेंद्र प्रसाद वर्मा, हीरा लाल, मंगरे गुप्ता, ग्राम प्रधान शिव शंकर सैनी, नंदे गुप्ता, विनय वर्मा, राम प्रकाश, कल्लू, दुर्गेश कौशल, जातिन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।







































