समितियों में तय मूल्य से अधिक में बिक रही यूरिया:भारत भारी में किसान परेशान, कृषि विभाग ने जांच का दिया आश्वासन

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नगर पंचायत भारत भारी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रबी फसलों की सिंचाई के बाद यूरिया की मांग बढ़ गई है। इस दौरान सहकारी समितियों में यूरिया निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर बेची जा रही है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों में अब्दुल समद, शमीम अहमद, जयदेव, भोला ने शिकायत की है कि निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर यूरिया खाद बेची जा रही है, जबकि इसका निर्धारित मूल्य कम है। आक्रोशित किसानों ने बयान देकर इस अवैध वसूली की पुष्टि की है, जो निगरानी व्यवस्था की कमी को उजागर करता है। किसानों का कहना है कि जब वे खाद लेने समितियों पर पहुंचते हैं, तो उनसे सरकारी दर से अधिक पैसे मांगे जाते हैं। विरोध करने पर उन्हें स्टॉक खत्म होने या आदेश न होने का बहाना बताया जाता है। फसल को समय पर खाद न मिलने के डर से किसान मजबूरी में महंगे दाम चुकाने को विवश हैं। क्षेत्र के अन्य क्षेत्रों की समितियों में भी ऐसी ही स्थिति बताई जा रही है, जहां नियम केवल कागजों तक सीमित हैं। खाद वितरण में अनियमितता से खेती की लागत लगातार बढ़ रही है। यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह स्थिति कालाबाजारी को बढ़ावा देगी। इतना ही नहीं नगर पंचायत भारत भारी सहित ग्रामीण क्षेत्रों और विभिन्न चौराहों और बाजारों में स्थित खाद की प्राइवेट दुकानों पर दुकानदारों द्वारा यूरिया खाद निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य में बेचा जा रहा है। जिससे क्षेत्रीय किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी रवि शंकर ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था। उन्होंने आश्वासन दिया कि उक्त प्रकरण सामने आने के बाद कृषि विभाग द्वारा जांच कराकर दोषियों के खिलाफ उचित और वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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