बलरामपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के आदेश पर रेहराबाजार थाने में एक दारोगा और छह सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई 17 माह बाद हुई है। पुलिसकर्मियों पर मारपीट, धमकी देने और अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। यह मुकदमा रेहराबाजार क्षेत्र के महिली मंगलीडीह निवासी सहजाद की शिकायत पर दर्ज हुआ है। मुकदमे में पेहर पुलिस चौकी के तत्कालीन उपनिरीक्षक भूपेंद्र यादव, कांस्टेबल ओमप्रकाश यादव, विवेक सिंह, अंकित मौर्य, वासुदेव गौर, लाल बहादुर और अर्जुन यादव को नामजद किया गया है। सहजाद ने न्यायालय में दिए अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि वह अपने पिता के साथ उतरौला के जुनेदपुर लालगंज में टाइल्स पेंट की दुकान चलाता है। उसने आरोप लगाया कि 13 मई को जब वह कार से अपने भाई को गांव से लाने जा रहा था, तब पेहर पुलिस चौकी के सामने तत्कालीन चौकी प्रभारी भूपेंद्र यादव और अन्य सिपाहियों ने उसकी गाड़ी रोक ली। सहजाद ने बताया कि जब उसने मोबाइल में अपना ड्राइविंग लाइसेंस दिखाया, तो कांस्टेबल ओमप्रकाश यादव ने उसका मोबाइल छीन लिया और उसे लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मी उसे चौकी ले गए, जहां उसे जमीन पर लिटाकर लाठी, बेल्ट और लातों से बेरहमी से पीटा गया। पीड़ित का आरोप है कि मारपीट के बाद उसे सीएचसी सादुल्लाहनगर ले जाकर चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। इस दौरान उसे धमकी दी गई कि यदि उसने डॉक्टर को पुलिस द्वारा मारपीट की बात बताई, तो उसे रास्ते में जान से मार दिया जाएगा। सहजाद ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उससे 10 हजार रुपए की मांग की। रुपए न देने पर उसे दोबारा पीटा गया। कॉन्स्टेबल विवेक सिंह पर समुदाय विशेष के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने और देश छोड़ने की धमकी देने का भी आरोप है। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक सहित कई उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके परिणामस्वरूप सीजेएम के आदेश पर रेहराबाजार थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। रेहराबाजार थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
सीजेएम के आदेश पर दारोगा समेत 7 पुलिसकर्मियों पर केस:17 माह बाद पीड़ित को मिली राहत, मारपीट-धमकी का आरोप
बलरामपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के आदेश पर रेहराबाजार थाने में एक दारोगा और छह सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई 17 माह बाद हुई है। पुलिसकर्मियों पर मारपीट, धमकी देने और अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। यह मुकदमा रेहराबाजार क्षेत्र के महिली मंगलीडीह निवासी सहजाद की शिकायत पर दर्ज हुआ है। मुकदमे में पेहर पुलिस चौकी के तत्कालीन उपनिरीक्षक भूपेंद्र यादव, कांस्टेबल ओमप्रकाश यादव, विवेक सिंह, अंकित मौर्य, वासुदेव गौर, लाल बहादुर और अर्जुन यादव को नामजद किया गया है। सहजाद ने न्यायालय में दिए अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि वह अपने पिता के साथ उतरौला के जुनेदपुर लालगंज में टाइल्स पेंट की दुकान चलाता है। उसने आरोप लगाया कि 13 मई को जब वह कार से अपने भाई को गांव से लाने जा रहा था, तब पेहर पुलिस चौकी के सामने तत्कालीन चौकी प्रभारी भूपेंद्र यादव और अन्य सिपाहियों ने उसकी गाड़ी रोक ली। सहजाद ने बताया कि जब उसने मोबाइल में अपना ड्राइविंग लाइसेंस दिखाया, तो कांस्टेबल ओमप्रकाश यादव ने उसका मोबाइल छीन लिया और उसे लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मी उसे चौकी ले गए, जहां उसे जमीन पर लिटाकर लाठी, बेल्ट और लातों से बेरहमी से पीटा गया। पीड़ित का आरोप है कि मारपीट के बाद उसे सीएचसी सादुल्लाहनगर ले जाकर चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। इस दौरान उसे धमकी दी गई कि यदि उसने डॉक्टर को पुलिस द्वारा मारपीट की बात बताई, तो उसे रास्ते में जान से मार दिया जाएगा। सहजाद ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उससे 10 हजार रुपए की मांग की। रुपए न देने पर उसे दोबारा पीटा गया। कॉन्स्टेबल विवेक सिंह पर समुदाय विशेष के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने और देश छोड़ने की धमकी देने का भी आरोप है। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक सहित कई उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके परिणामस्वरूप सीजेएम के आदेश पर रेहराबाजार थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। रेहराबाजार थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।












































