भारत-नेपाल सीमा पर लावारिस मिले एक युवक को दो साल बाद अपने परिवार से मिलाया गया है। यह पहल समाजसेवी मनीष पांडेय ने की, जिसके बाद युवक अपने परिजनों के साथ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित अपने घर लौट सका। यह युवक बीते चार दिनों से बहराइच जिला अस्पताल में भर्ती था। 26 अक्टूबर को ग्रामीणों ने उसे भारत-नेपाल सीमा के गंगापुर गुलरिया ग्राम पंचायत स्थित संतलिया पुरानी पुलिस चौकी के पास लावारिस और भूखी-प्यासी हालत में पाया था। ग्रामीणों ने इसकी सूचना समाजसेवी मनीष पांडेय को दी। सूचना मिलने पर मनीष पांडेय मौके पर पहुंचे और युवक को नहला-धुलाकर कपड़े पहनाए। उन्होंने उसे उपचार के लिए बहराइच के जिला अस्पताल में भर्ती कराया और उसके परिजनों की तलाश शुरू कर दी। गुरुवार को युवक के भाई हरिशंकर और राजकुमार जिला अस्पताल पहुंचे। वे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सीपत थाना क्षेत्र के गुढ़ी गांव के निवासी हैं। मनीष पांडेय के संपर्क से उन्हें अपने भाई शिवम के बारे में पता चला। अस्पताल में मुलाकात के बाद वे शिवम को अपने साथ घर ले गए। समाजसेवी मनीष पांडेय ने बताया कि उन्होंने चार दिनों तक लावारिस युवक की अस्पताल में रहकर देखभाल की और उसके परिवार को खोजने में मदद की। परिजनों के मिलने पर उन्होंने उनका धन्यवाद व्यक्त किया।









