रुपईडीहा: छठव्रती महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर किया पूजा अर्चन

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संतोष मिश्रा
बहराइच। आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर रूपईडीहा हनुमान सरोवर के तट पर व्रतधारी महिलाओं नें श्रद्धा भाव से डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देकर पूजा अर्चन किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में रूपईडीहा चेयरमैन डॉo उमाशंकर वैश्य रहे। उन्होंने बताया मान्यता के अनुसार छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। वहीं छठ पर्व को लेकर धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं भी हैं। इसके अनुसार मां सीता ने सबसे पहले मुंगेर में उत्तरवाहिनी गंगा घाट पर छठ व्रत किया था, जिस स्थान पर मां सीता ने छठ पूजा मनाई और खास तौर पर संतान की कामना और लंबी उम्र के लिए छठ पूजा मनाई जाती है। छठी मैया सूर्यदेव की बहन हैं और इस पर्व पर इन दोनों की ही पूजा अर्चना की जाती है। चार दिन तक चलने वाले इस पर्व में सात्विक भोजन किया जाता है। पहले दिन खरना, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन सूर्य संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। उन्होने बताया दुनिया कहती है जिसका उदय होता है उसका अस्त होना तय है। लेकिन छठ पर सिखाता है जिसका अस्त होता है उसका उदय होना भी तय है। इस अवसर पर चेयरमैन डॉo उमाशंकर वैश्य नें छठ पूजा स्थल पर सेल्फी प्वाइंट लगवाकर अलंकृत कर अपने कर्मचारियों को साफ सफाई और चुनकारी की व्यवस्था पर विशेष नजर रखने को कहा। जिसमें मौजूद रुपईडीहा कोतवाल शमशेर बहादुर सिंह, मंडल अध्यक्ष अजय मिश्रा, संतकुमार शर्मा, दयाशंकर शुक्ल, संजय वर्मा, अनिल अग्रवाल, सुशील बंसल, छठ पूजा कमेटी के अध्यक्ष, नरेंद्र मदेशिया, कोषाध्यक्ष रिंकू अवस्थी, कमल मदेशिया व नगर पंचयात के सभी सभासद, रूपईडीहा लेखपाल, पुलिसबल व सुरक्षाकर्मी उपस्थित रहे।src=”https://mntnewsbharat.com/wp-content/uploads/2024/11/IMG-20241107-WA0069.jpg” alt=”” width=”1600″ height=”900″ class=”alignnone size-full wp-image-30713″ />