वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- जल्द से जल्द FTA को अंतिम रूप देने में जुटे भारत-ब्रिटेन

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत-यूके संबंधों (India-UK Relationship) पर सोमवार को अपना पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने कहा किआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी उभरती तकनीकों के साथ वित्तीय सेवाओं को हम फिर से परिभाषित कर रहे हैं। भारत के नए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम के साथ, दोनों देशों के लिए सुरक्षित और समावेशी वित्तीय मध्यस्थता के ढांचे पर सहयोग करने के पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। भारत-यूके ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड की सफलता बड़े पैमाने पर टिकाऊ वित्त को दिशा देने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी का बड़ा उदाहरण है।

यूके-इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग ब्रिज लॉन्च

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एफटीए (भारत और ब्रिटेन के बीच) पर निश्चित रूप से कुछ चर्चा हुई। इसके निवेश पहलुओं पर दोनों पक्षों का इरादा चर्चा में तेजी लाने का है ताकि कुछ त्वरित समझौतों से एफटीए पर अंतिम रूप से हस्ताक्षर किए जा सकें। हम निवेश वार्ताओं को वस्तु एवं सेवा व्यापार वार्ता के समानांतर चलाने पर सहमत हुए हैं। दोनों पक्षों की उत्सुकता इसे जल्द से जल्द समाप्त करने की है।

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उन्होंने कहा कि आज हमने यूके-इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग ब्रिज भी लॉन्च किया है। यह नीति आयोग और सिटी ऑफ लंदन कॉर्पोरेशन के सह-नेतृत्व में एक सहयोगी उद्यम है, जिसका उद्देश्य प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने में सामूहिक विशेषज्ञता का उपयोग करना है। हम चुनौतियों से निपटने और दोनों देशों के लिए आने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए सहयोग, विचार-विमर्श और नवाचार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ब्रिटेन वित्त मंत्री ने कही ये बात

वहीं, इस दौरान ब्रिटेन वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने कहा कि हम विशेष रूप से भारत द्वारा पहली पुष्टि के साथ एक बड़ा कदम आगे बढ़ाते हुए खुश हैं कि वह भारतीय कंपनियों की सीधी लिस्टिंग के लिए लंदन स्टॉक एक्सचेंज को एक अंतरराष्ट्रीय गंतव्य के रूप में इस्तेमाल करेगा।

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उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ, एक नई पेंशन और बीमा साझेदारी, ज्ञान और विशेषज्ञता-साझाकरण की स्थापना और नए यूके इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग ब्रिज और विकासात्मक गिफ्ट सिटी से जुड़ी एक गहरी साझेदारी भी हुई है। इसलिए, हम वास्तव में संबंधों को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे की योजनाओं का समर्थन कर सकते हैं। इसका अगला कदम एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौता और द्विपक्षीय निवेश संधि है।


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