चंदा जुटाकर बेटे की लाश लेने आया पिता:बोले-अकेला सहारा था, वो भी नहीं रहा; झांसी में घर से 600Km दूर ट्रेन से गिरकर मरा

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झांसी में ट्रेन से गिरकर एक युवक की मौत हो गई। वो सिद्धार्थनगर का रहने वाला था। घर से 600Km दूर झांसी में प्राइवेट जॉब करता था। पिता के पास झांसी आकर इकलौते बेटे की लाश ले जाने के लिए पैसे नहीं थे। रोते हुए उसने गांव के लोगों को अपनी आपबीती बताई। कहा- अब आखरी बार भी अपने बेटे को देख नहीं पाउंगा।

जैसे ही गांव वालों को घटना का पता चला। मदद के लिए पूरा गांव एकत्र हो गया। 23 हजार रुपए चंदा इकट्ठा करके पिता को दिए। तब जाकर वो रविवार को झांसी पहुंचे। बेटे की लाश काे देखकर वो बेहोश हो गए। साथियों ने ढांढ़स बंधाया। बेटे के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। उसके बाद शाम को पिता लाश को अपने गांव ले गए। घटना पूंछ थाना क्षेत्र के खिल्ली गांव की है।

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अब पढ़िए पूरा मामला…

3 महीने पहले मुंबई कमाने गया था

सुनील (35) सिद्धार्थनगर के गुलहोरा थाना क्षेत्र के रामोपुर पाठक गांव का रहने वाला था। पिता अनिल ने बताया- 3 महीने पहले मेरा बेटा सुनील कमाने के लिए मुंबई गया था। वह एक कंपनी में प्राइवेट जॉब काम करता था। कुछ दिन से उसकी तबीयत खराब थी। इसलिए वो गांव लौट रहा था। उसके पास मोबाइल नहीं था।

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4 दिन पहले बेटे ने किसी से मोबाइल लेकर कॉल लगाई और बताया कि ट्रेन में बैठ गया हूं। शुक्रवार को उसी मोबाइल से फोन आया कि सुनील झांसी के पूंछ थाना क्षेत्र में खिल्ली गांव के पास ट्रेन से गिर गया। जब शव की पहचान नहीं हुई तो पुलिस लावारिस मानकर मोर्चरी में शव को रखवा दिया।

पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर शव का इंतजार करते परिजन। - Dainik Bhaskar

पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर शव का इंतजार करते परिजन।

सुनील घर में अकेला कमाने वाला था पड़ोसी आनंद कुमार दुबे ने बताया- सुनील के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। उसके पिता अनिल के पास झांसी आने के लिए पैसे तक नहीं थे। वो गांव में रोते हुए घूम रहे थे। तब गांव वालों ने चंदा इक्ट्‌ठा करके 23 हजार रुपए एकत्र किए और पिता को दिए। इसके बाद पिता झांसी आ पाए। सुनील उनका इकलौता बेटा था। सुनील के 3 बच्चे हैं। 15 साल की मुस्कान, 9 साल का सनी और 5 साल का छोटू है।

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पड़ोसी आनंद कुमार दुबे ने बताया, गांव वालों ने 23 हजार चंदा करके सुनील के पिता को दिए थे। - Dainik Bhaskar

पड़ोसी आनंद कुमार दुबे ने बताया, गांव वालों ने 23 हजार चंदा करके सुनील के पिता को दिए थे।

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