Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तिथियां घोषित हो गई हैं. 6, 11 और 14 नवंबर ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील मानी जा रही हैं. पंचांग के अनुसार इन तिथियों के बारे में गहराई से जानते हैं.
Bihar Election 2025: बिहार में चुनावी रणभूमि तय हो चुकी है. निर्वाचन आयोग ने जो तीन तारीखें घोषित की हैं, 6 नवंबर, 11 नवंबर और 14 नवंबर वे महज कैलेंडर की तारीखें नहीं हैं. ग्रहों का खेल और पंचांग बताता है, ये वो तीन दिन हैं जब ग्रहों की चाल और जनता की मानसिकता टकराने वाली है. राजनीति में जो भी खिलाड़ी इन तिथियों को हल्के में लेगा, उसे नतीजे झटका दे सकते हैं. कैसे आइए समझते हैं-
पहला चरण 6 नवंबर 2025
पहले चरण का मतदान गुरुवार 6 नवंबर को होगा. इस दिन का पंचांग बताता है कि कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से द्वितीया, नक्षत्र कृतिका रहेगा और चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा. कृतिका अग्नि तत्व का नक्षत्र है, जिसका स्वामी सूर्य है. यानी उस दिन की ऊर्जा तेज, ज्वालामुखी और निर्णायक होगी.
प्राचीन ग्रंथ बृहत्त संहिता में वराहमिहिर ने लिखा है कृतिका नक्षत्रे कर्मारंभे कलहो भवेत्. अर्थात कृतिका नक्षत्र में प्रारंभ किया गया कार्य विवाद और संघर्ष का कारण बनता है.
इस दिन वृषभ में चंद्रमा का प्रवेश सुबह 10 बजे के बाद होगा. वृषभ स्थिरता का संकेत देता है, लेकिन उसी के साथ जिद और प्रतिरोध भी लाता है. इसलिए सुबह का मतदान आक्रोशपूर्ण और बयानबाजी से भरा हो सकता है, जबकि शाम तक जनता का मूड व्यावहारिक और शांत हो जाएगा.
राजनीतिक दृष्टि से यह दिन इस बात का संकेत है कि पहला चरण झटकेदार शुरुआत देगा, और कई क्षेत्रों में अप्रत्याशित मतदान पैटर्न उभर सकते हैं. वर्ज्य काल लगभग 1:52 से 3:30 के बीच रहेगा, जो बताता है कि इस अवधि में प्रशासनिक विवाद या शिकायतें बढ़ सकती हैं. मौसम और ग्रह दोनों संकेत दे रहे हैं इस दिन भावनाएं ज्यादा, पर निर्णय स्थिर रहेगा.
दूसरा चरण 11 नवंबर 2025
दूसरा चरण मंगलवार को है. दिन शुरू होगा भद्रा करण (विष्टि) से, जो सुबह 11:32 बजे तक प्रभावी रहेगा. इस अवधि को शास्त्रों में अशुभ और विवादजनक माना गया है. मुहूर्त चिंतामणि में स्पष्ट कहा गया है कि विष्टि करणे कर्म विवादं जनयेत्. यानि भद्रा में शुरू किया गया कोई भी काम बहस, विरोध या कठिनाई से घिरता है.
भद्रा के बाद शुरू होता है पुष्य नक्षत्र, जो गुरु के स्वामित्व वाला है. गुरु ज्ञान, स्थिरता और नीति का कारक है. इसलिए जैसे ही भद्रा समाप्त होगी, माहौल धीरे-धीरे शांत होने लगेगा.
सुबह के घंटों में विवाद, शिकायतें और तीखे प्रसंग संभव हैं, पर दोपहर के बाद मतदाता का व्यवहार संतुलित और जागरूक रहेगा. कर्क राशि का चंद्रमा जनता को भावनात्मक बनाता है. इसलिए इस चरण का मतदान मुद्दों से ज्यादा संवेदनाओं पर आधारित होगा.
राजनीति की भाषा में कहा जाए तो दूसरा चरण सत्ता की नसें टटोलने का दिन होगा. जो दल इस दिन की सुबह को संभाल लेंगे, वे दोपहर के बाद जनता के दिलों में जगह बना सकते हैं.
मतगणना 14 नवंबर 2025
मतगणना का दिन शुक्रवार है. यह दिन कार्तिक कृष्ण दशमी तिथि का रहेगा. नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी से उत्तराफाल्गुनी की ओर जा रहा होगा,
और चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा. फाल्गुनी नक्षत्र शुक्र के अधीन है और शुक्र प्रतिष्ठा, आकर्षण और निर्णय का ग्रह है.
वाराहमिहिर की संहिता में फाल्गुनी को राजसिक और निर्णायक कहा गया है. मतलब यह दिन जनता के मन की फाइनल राय को सामने लाने वाला है. सिंह राशि नेतृत्व और आत्मविश्वास का प्रतीक होती है, जो बताती है कि परिणाम जनता की इच्छा से तय होंगे, कोई शक्ति उन्हें पलट नहीं पाएगी.
इस दिन कोई बड़ा दोषकाल या भद्रा नहीं है. यह शुद्ध मुहूर्त वाला दिन है, जो निर्णायक निष्कर्ष का संकेत देता है. पर ग्रह स्थिति कहती है कि यह परिणाम भावनाओं से नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा और सम्मान से तय होंगे. यानी जनता उस नेतृत्व को चुनेगी जो उसे आत्मसम्मान दे सके.
6 से 14 नवंबर तक बनने वाले ग्रहों के योग बताते हैं कि चुनाव सिर्फ विकास बनाम धर्म या जाति नहीं रहेगा, बल्कि यह नीति बनाम भावना की लड़ाई बनेगा. शनि कुंभ में होने से जनता अनुशासन और स्थायित्व चाहती है. मंगल अपने ही घर वृश्चिक में होगा जो तीखी कार्रवाई, गुप्त रणनीति और सत्ता संघर्ष का संकेत दे रहा है. प्रशासनिक कुशलता और क्षमता को दिखाना होगा. अधिकारियों को अधिक सजग रहना होगा.
चुनाव आयोग की डेटों पर शास्त्र क्या कहते हैं?
बृहत्त संहिता के अनुसार पहला चरण कृतिका नक्षत्र में होगा जो विवाद और संघर्ष का संकेत दे रहा है. मुहूर्त चिंतामणि की मानें तो भद्रा में किए गए कार्य वाद-विवाद और विरोध का कारण बनते हैं. निर्णयामृत और हस्तसंजीवनी के अनुसार फाल्गुनी नक्षत्र में फल-सिद्धि और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है.
चंद्रमा की भूमिका निर्णायक साबित होगी?
बिहार की तीनों तिथियां सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं, बल्कि ग्रहों की परीक्षा भी हैं. हर तिथि जनता की मनःस्थिति के अलग-अलग चरण दिखा रही है.
ग्रहों की दृष्टि से यह चुनाव कठिन शुरुआत का संकेत दे रहा है, पर स्थायी परिणाम का संकेत भी दे रहा है. जो दल जनता की भावना समझेगा, वही टिकेगा. जो अति करेगा, ग्रह उसका संतुलन बिगाड़ देंगे. जनता और ग्रह दोनों एक साथ फैसला देंगे.
तीनों तारीखें शुभ नहीं हैं, पर निर्णायक जरूर हैं. पहले चरण में आग, दूसरे में बहस, तीसरे में फैसला. भद्रा, कृतिका और फाल्गुनी ये तीन नक्षत्र बिहार की किस्मत लिखेंगे. किसी दल या व्यक्ति के समर्थन में नहीं.