नई दिल्ली. उत्तरी नाइजीरिया में एक और बड़े अपहरण ने पूरे देश को दहला दिया है. नाइजीरिया के ईसाई संघ (सीएएन) के अनुसार, शुक्रवार तड़के बंदूकधारियों ने नाइजर राज्य के अगवारा के पापिरी समुदाय स्थित सेंट मैरी कैथोलिक स्कूल पर हमला कर दिया और 215 विद्यार्थियों और 12 शिक्षकों का अपहरण कर लिया. यह हमला हाल के वर्षों में हुए सबसे बड़े स्कूल अपहरणों में से एक है, जो नाइजीरिया में बढ़ती असुरक्षा को उजागर करता है.
सीएएन के प्रवक्ता डैनियल अटोरी ने कहा कि उन्होंने स्कूल के दौरे के दौरान पीडि़त परिवारों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास जारी हैं. पुलिस ने पुष्टि की है कि इलाके में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं.
सुरक्षा की चेतावनी
अधिकारियों ने खुलासा किया कि बढ़ते खतरों की खुफिया चेतावनियों के बावजूद स्कूल फिर से खुल गया. नाइजर राज्य सरकार ने कक्षाएं फिर से शुरू करने से पहले अनुमति न लेने के लिए प्रशासन की आलोचना की और कहा कि इस लापरवाही से विद्यार्थियों और कर्मचारियों को अनावश्यक खतरे का सामना करना पड़ा. निवासियों ने यह भी बताया कि हमले के दौरान पुलिस या सरकारी सुरक्षा बल मौजूद नहीं थे. कोंटागोरा के कैथोलिक डायोसीज़ ने पुष्टि की है कि एक सुरक्षा गार्ड को गंभीर रूप से गोली मारी गई. उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि सेंट मैरीज़ एक बड़ा परिसर है जिसमें 50 से ज़्यादा इमारतें हैं, जो येलवा और मोक्वा को जोडऩे वाली एक प्रमुख सड़क के पास स्थित है.
बच्चों के लापता होने से माता-पिता व्यथित
परिवार गहरे संकट में हैं क्योंकि कई लोगों को अपने लापता बच्चों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. 62 वर्षीय दाउदा चेकुला ने बताया कि उनके 7 से 10 साल के चार पोते-पोतियों को अगवा कर लिया गया है. उन्होंने कहा, 'जो बच्चे बच गए हैं, वे बिखर गए हैं. हमें बस इतना पता है कि हमलावर अभी भी बाकी बच्चों के साथ झाडिय़ों में जा रहे हैं.
सरकार की प्रतिक्रिया और जनता का आक्रोश
राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने दक्षिण अफ्रीका में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी, जबकि उपराष्ट्रपति काशिम शेट्टीमा ने अपहृत बच्चों को छुड़ाने के लिए राज्य के हर संभव प्रयास का इस्तेमाल करने का संकल्प लिया. संघीय शिक्षा मंत्रालय ने उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में 47 यूनिटी कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है. निवासी और विश्लेषक बढ़ती असुरक्षा के लिए सरकारी विफलताओं, भ्रष्टाचार और दंड से मुक्ति को जि़म्मेदार ठहरा रहे हैं. पीडि़तों के परिवारों का कहना है कि अब उन्हें अधिकारियों पर भरोसा नहीं रहा, जबकि समुदाय के नेताओं ने चेतावनी दी है कि नाइजीरियाई बच्चों का भविष्य लगातार खतरे में है




















