रविवार सुबह इटवा क्षेत्र घने कोहरे की चपेट में रहा, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। इसके चलते वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई और जनजीवन प्रभावित हुआ। ठंडी के कारण क्षेत्र में ठिठुरन बढ़ गई है। पिछले गुरुवार और शुक्रवार को चक्रवाती तूफान के कारण दो दिनों तक बारिश हुई थी। शनिवार को धूप निकलने से लोगों ने राहत महसूस की थी, लेकिन रविवार सुबह ग्रामीण इलाकों में फिर से घना कोहरा छा गया। सूरज देर तक बादलों और धुंध के पीछे छिपा रहा, जिससे सुबह का तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया। बढ़ती ठंड का असर अब लोगों की दिनचर्या पर भी साफ दिख रहा है। सुबह की सैर पर निकलने वालों की संख्या में कमी आई है, जबकि घरों से बाहर निकलने वाले लोग गर्म कपड़े जैसे स्वेटर और जैकेट पहन रहे हैं। शहर के चौराहों और गलियों में चाय तथा गर्म पेय पदार्थों की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है। इस मौसम का खेती-किसानी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे किसान चिंतित हैं। गुरुवार और शुक्रवार को हुई चक्रवाती बारिश से धान की कटाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसके अलावा, सरसों, आलू, मटर और अन्य सब्जियों की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। गेहूं की बुवाई में भी देरी होने की आशंका है।
इटवा में घना कोहरा, दृश्यता प्रभावित:वाहनों की रफ्तार धीमी, जनजीवन और कृषि कार्य प्रभावित
रविवार सुबह इटवा क्षेत्र घने कोहरे की चपेट में रहा, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। इसके चलते वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई और जनजीवन प्रभावित हुआ। ठंडी के कारण क्षेत्र में ठिठुरन बढ़ गई है। पिछले गुरुवार और शुक्रवार को चक्रवाती तूफान के कारण दो दिनों तक बारिश हुई थी। शनिवार को धूप निकलने से लोगों ने राहत महसूस की थी, लेकिन रविवार सुबह ग्रामीण इलाकों में फिर से घना कोहरा छा गया। सूरज देर तक बादलों और धुंध के पीछे छिपा रहा, जिससे सुबह का तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया। बढ़ती ठंड का असर अब लोगों की दिनचर्या पर भी साफ दिख रहा है। सुबह की सैर पर निकलने वालों की संख्या में कमी आई है, जबकि घरों से बाहर निकलने वाले लोग गर्म कपड़े जैसे स्वेटर और जैकेट पहन रहे हैं। शहर के चौराहों और गलियों में चाय तथा गर्म पेय पदार्थों की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है। इस मौसम का खेती-किसानी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे किसान चिंतित हैं। गुरुवार और शुक्रवार को हुई चक्रवाती बारिश से धान की कटाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसके अलावा, सरसों, आलू, मटर और अन्य सब्जियों की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। गेहूं की बुवाई में भी देरी होने की आशंका है।












































