मामला बस्ती जिले के विकासखंड रामनगर के ग्राम गंधारिया बुजुर्ग का है।

बस्ती। जहां सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में गंदगी दूर कर स्वच्छता बनाये रखने के लिए अनेक कार्यक्रम चला रही। वही गंधारिया बुजुर्ग गांव में ये योजनाएं दम तोड़ रही है कारण नालियों की सफाई के अभाव में गांव के रास्तों पर जलभराव और कीचड़ की स्थिति बनी रहना है। वही गांव में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। फिर भी जिम्मेदार आंख मूंदकर सोए रहते हैं।
गांव में जगह-जगह पसरी गंदगी, ग्रामीण परेशान
ग्राम पंचायत गंधारिया बुजुर्ग में पंचायत प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण गंदगी का अंबार लगा है। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। गांव में सफाई नहीं कराए जाने से जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हैं और नाले-नालियां जाम होने से गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। गंदगी से परेशान ग्रामीण कई बार ग्राम प्रधान व जिम्मेदार लोगों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन साफ सफाई पर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। गांव में गंदगी पसरी होने के कारण मच्छर पनप रहे हैं और संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। बताया गया है कि लोगों द्वारा शिकायत करने के बाद भी सरपंच द्वारा सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण लोगों को कचरे के ढेरों के ऊपर से होकर निकलना पड़ता है। बरसात के मौसम में स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है, क्योंकि कचरे में पानी भर जाने से बदबू आते रहती है। लंबे समय से सफाई नहीं कराए जाने के कारण नाले, नालियों के कचरे से अटे हुए हैं। नालियों में इतना कचरा भरा है कि पानी की निकासी नहीं हो पाती है और घरों का गंदा पानी सड़क के ऊपर होकर बहता रहता है।

गौरतलब है कि ग्राम गंधारिया बुजुर्ग में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। नियमित सफाई न होने से ग्रामीणों को कीचड़ में से निकलना पड़ता है। स्कूल पढने वाले छोटे-छोटे बच्चे और ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत में लाखों रुपये का बजट ग्राम विकास के लिए आने के बावजूद जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्राम पंचायत के निवासियों की मूलभूत सुविधाओं को भी पूर्ण करने में रुचि नहीं दिखाई है। जिस कारण गांव के बस स्टैंड सहित पूरे ग्राम में नाली के निर्माण और उसके गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं कराने के चलते जगह कीचड़ फैला हुआ है।

पंचायत प्रतिनिधि नहीं दे रहा ध्यान
साफ-सफाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गंदा पानी नाली छोड़ अब गलियों में ही बहने लगी है। इसी होकर ग्रामीण आवागमन करते हैं। वहीं छोटे-छोटे बच्चे भी इसी गंदगी को पास कर आंगनबाड़ी पहुंचे हैं। कई बार बच्चे फिसलकर गिर भी जाते हैं। कई माह बीत जाने के बाद भी पंचायत प्रतिनिधि जाम नाली की सफाई के लिए ध्यान नहीं दे रहा है। गंदा पानी गली में बहने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार लाखों करोड़ों रुपये पानी की तरह स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत बहा रही है लेकिन जिम्मेदार साफ सफाई के लिए अवमुक्त बजट को धरातल में खर्च करने की बजाय बजट का आपसी बंदरबांट कर कागजी आंकड़ों तक सीमित कर रहे हैं।





ग्रामीणों की मांग है कि नालियों की मरम्मत व सफाई निरन्तर हो जिससे आने जाने में स्कूली बच्चों को मशक्कत न करनी पड़े। नालियों का गंदा पानी गलियों में उफान मार रहा है जिससे कई मासूम बच्चे आये दिन नालियों में गिरकर घायल हो रहे हैं।