महसी क्षेत्र में वन्यजीव के हमले से ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है। पिछले तीन दिनों में हुए दो हमलों में दो बच्चे घायल हो गए हैं। वन विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और वन्यजीव को पकड़ने के लिए निगरानी तेज कर दी है। पहला हमला रविवार को हुआ, जिसमें 6 वर्षीय विजय घायल हो गया। दूसरा हमला मंगलवार शाम करीब 6 बजे गंगापुरवा में हुआ, जब 10 वर्षीय रोहित शौच के लिए गया था। इस हमले में रोहित गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए लखनऊ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। वन विभाग के डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि वन्यजीव को पकड़ने के लिए तीन पिंजरे और तीन ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। निगरानी के लिए टीमें भी गठित की गई हैं, जिन्होंने दिनभर विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए। लोगों को जागरूक करने के लिए बाइक पर लाउडस्पीकर बांधकर भी प्रचार किया जा रहा है। पिंजरों में बकरी भी बांधी गई है ताकि रात में वन्यजीव को पकड़ा जा सके। डीएफओ राम सिंह यादव ने पुष्टि की कि मंगलवार को हुए हमले में मिले पदचिह्न तेंदुए के थे। वन विभाग के अनुसार, हमला एक तेंदुए ने किया था। पिछले वर्ष भी घाघरा के कछार में बसे गांवों में वन्यजीवों ने 11 बच्चों और दो वयस्कों को अपना शिकार बनाया था। उस समय मुख्यमंत्री के दौरे के बाद एक हिंसक वन्यजीव को शूट किया गया था। एक बार फिर क्षेत्र में हिंसक वन्यजीव की मौजूदगी से ग्रामीण चिंतित हैं।
महसी में तेंदुए का हमला, दो बच्चे घायल: वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी, लगाए पिंजरे और कैमरे – Mahsi News
महसी क्षेत्र में वन्यजीव के हमले से ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है। पिछले तीन दिनों में हुए दो हमलों में दो बच्चे घायल हो गए हैं। वन विभाग ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और वन्यजीव को पकड़ने के लिए निगरानी तेज कर दी है। पहला हमला रविवार को हुआ, जिसमें 6 वर्षीय विजय घायल हो गया। दूसरा हमला मंगलवार शाम करीब 6 बजे गंगापुरवा में हुआ, जब 10 वर्षीय रोहित शौच के लिए गया था। इस हमले में रोहित गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए लखनऊ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। वन विभाग के डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि वन्यजीव को पकड़ने के लिए तीन पिंजरे और तीन ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। निगरानी के लिए टीमें भी गठित की गई हैं, जिन्होंने दिनभर विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए। लोगों को जागरूक करने के लिए बाइक पर लाउडस्पीकर बांधकर भी प्रचार किया जा रहा है। पिंजरों में बकरी भी बांधी गई है ताकि रात में वन्यजीव को पकड़ा जा सके। डीएफओ राम सिंह यादव ने पुष्टि की कि मंगलवार को हुए हमले में मिले पदचिह्न तेंदुए के थे। वन विभाग के अनुसार, हमला एक तेंदुए ने किया था। पिछले वर्ष भी घाघरा के कछार में बसे गांवों में वन्यजीवों ने 11 बच्चों और दो वयस्कों को अपना शिकार बनाया था। उस समय मुख्यमंत्री के दौरे के बाद एक हिंसक वन्यजीव को शूट किया गया था। एक बार फिर क्षेत्र में हिंसक वन्यजीव की मौजूदगी से ग्रामीण चिंतित हैं।









































