सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ तहसील परिसर में शनिवार को आयोजित सम्पूर्ण तहसील समाधान दिवस में तीन जिला स्तरीय अधिकारी अनुपस्थित रहे। जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी.एन. ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए तीनों अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया। अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों में डीएफओ, उप प्रभारी वनाधिकारी शोहरतगढ़ और अधिशासी अभियंता राप्ती नहर खंड-02 शामिल थे। समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी.एन. के साथ एसडीएम विवेकानंद मिश्रा और क्षेत्राधिकारी शोहरतगढ़ मयंक द्विवेदी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम पिछले समाधान दिवस में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान कुछ विवादित मामलों में अपेक्षित कार्रवाई न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने तत्काल जांच के लिए जिला स्तरीय टीम गठित करने और मौके पर निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि भूमि विवादों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कानूनगो और लेखपालों को भूमि संपत्ति रजिस्टर तथा भूमि विवाद रजिस्टर को नियमित रूप से अद्यतन करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि तहसील समाधान दिवस में प्राप्त प्रत्येक शिकायत पर मौके पर जाकर जांच की जाए और शिकायतकर्ता तथा विपक्षी की उपस्थिति में कार्रवाई की जाए। किसी भी विभाग का एक भी प्रकरण अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रहना चाहिए, अन्यथा संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को आयोजित समाधान दिवस में कुल 65 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुए। इनमें राजस्व विभाग से 55, पुलिस विभाग से 5, विकास विभाग से 2, विद्युत विभाग से 2 तथा लोक निर्माण विभाग से 1 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ। राजस्व विभाग के सात मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष प्रार्थना-पत्रों को संबंधित अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर 100 प्रतिशत निस्तारित करने के निर्देश दिए गए।
शोहरतगढ़ में तहसील दिवस का आयोजन:तीन अधिकारी अनुपस्थित, जिलाधिकारी ने एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया
सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ तहसील परिसर में शनिवार को आयोजित सम्पूर्ण तहसील समाधान दिवस में तीन जिला स्तरीय अधिकारी अनुपस्थित रहे। जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी.एन. ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए तीनों अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया। अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों में डीएफओ, उप प्रभारी वनाधिकारी शोहरतगढ़ और अधिशासी अभियंता राप्ती नहर खंड-02 शामिल थे। समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी.एन. के साथ एसडीएम विवेकानंद मिश्रा और क्षेत्राधिकारी शोहरतगढ़ मयंक द्विवेदी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम पिछले समाधान दिवस में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान कुछ विवादित मामलों में अपेक्षित कार्रवाई न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने तत्काल जांच के लिए जिला स्तरीय टीम गठित करने और मौके पर निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि भूमि विवादों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कानूनगो और लेखपालों को भूमि संपत्ति रजिस्टर तथा भूमि विवाद रजिस्टर को नियमित रूप से अद्यतन करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि तहसील समाधान दिवस में प्राप्त प्रत्येक शिकायत पर मौके पर जाकर जांच की जाए और शिकायतकर्ता तथा विपक्षी की उपस्थिति में कार्रवाई की जाए। किसी भी विभाग का एक भी प्रकरण अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रहना चाहिए, अन्यथा संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को आयोजित समाधान दिवस में कुल 65 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुए। इनमें राजस्व विभाग से 55, पुलिस विभाग से 5, विकास विभाग से 2, विद्युत विभाग से 2 तथा लोक निर्माण विभाग से 1 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ। राजस्व विभाग के सात मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष प्रार्थना-पत्रों को संबंधित अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर 100 प्रतिशत निस्तारित करने के निर्देश दिए गए।









































