महराजगंज के कोल्हुई क्षेत्र में इन दिनों खाद संकट गहरा गया है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। धान की कटाई तेजी पर है और किसान खेतों में मौजूद नमी का लाभ उठाकर बुआई करना चाहते हैं। हालांकि, खाद की कमी और निजी दुकानदारों की मनमानी ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है। जिला प्रशासन खाद की पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। धान की कटाई पूरी कर चुके किसानों के लिए खेत की नमी रहते हुए बुआई करना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन इस कार्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण उर्वरक बाजार में दुर्लभ हो गया है। सुबह होते ही साधन सहकारी समितियों के बाहर किसानों की लंबी कतारें लग जाती हैं। घंटों इंतजार के बावजूद, कई बार उन्हें खाद नहीं मिल पाती। इसी संकट का फायदा उठाकर कोल्हुई क्षेत्र के कुछ निजी खाद विक्रेताओं ने मनमानी शुरू कर दी है। किसानों की शिकायत है कि खड़खोड़ी चौराहे स्थित सिंह खाद भंडार पर यूरिया 266 रुपये की जगह 500 रुपये में बेचा जा रहा है। इसी तरह, डीएपी जो 1350 रुपये में मिलनी चाहिए, उसे 1700 से 1800 रुपये में बेचा जा रहा है। जब इन शिकायतों की वास्तविकता जांचने के लिए पड़ताल की गई, तो दुकानदार ने ऑफ-कैमरा स्वीकार किया कि वह यूरिया 600 रुपये में बेच रहा है। हालांकि, जैसे ही कैमरा ऑन करके उससे सरकारी दर से अधिक कीमत लेने का कारण पूछा गया, दुकानदार तुरंत दुकान बंद कर मौके से फरार हो गया। कार्रवाई के डर से दुकानदार ने दुकान के बाहर एक नोटिस चिपका दिया, जिसमें लिखा था: “हम दवा करवाने लखनऊ जा रहे हैं, दुकान 16 नवंबर 2025 से आगे नोटिस तक बंद रहेगी।” स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अधिकारियों को गुमराह करने और अपनी जिम्मेदारी से बचने की एक चाल है। इस पूरे मामले पर जब फरेंदा के उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र गौतम से बात की गई, तो उन्होंने जांच कराने और दोषी पाए जाने पर संबंधित दुकान का लाइसेंस निरस्त करने की बात कही।
यूरिया रेट से ज्यादा की कीमत पर बेचीं जा रही: कोल्हुई में निजी दुकानदार कर रहे मनमानी – Kolhui(Pharenda) News
महराजगंज के कोल्हुई क्षेत्र में इन दिनों खाद संकट गहरा गया है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। धान की कटाई तेजी पर है और किसान खेतों में मौजूद नमी का लाभ उठाकर बुआई करना चाहते हैं। हालांकि, खाद की कमी और निजी दुकानदारों की मनमानी ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है। जिला प्रशासन खाद की पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। धान की कटाई पूरी कर चुके किसानों के लिए खेत की नमी रहते हुए बुआई करना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन इस कार्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण उर्वरक बाजार में दुर्लभ हो गया है। सुबह होते ही साधन सहकारी समितियों के बाहर किसानों की लंबी कतारें लग जाती हैं। घंटों इंतजार के बावजूद, कई बार उन्हें खाद नहीं मिल पाती। इसी संकट का फायदा उठाकर कोल्हुई क्षेत्र के कुछ निजी खाद विक्रेताओं ने मनमानी शुरू कर दी है। किसानों की शिकायत है कि खड़खोड़ी चौराहे स्थित सिंह खाद भंडार पर यूरिया 266 रुपये की जगह 500 रुपये में बेचा जा रहा है। इसी तरह, डीएपी जो 1350 रुपये में मिलनी चाहिए, उसे 1700 से 1800 रुपये में बेचा जा रहा है। जब इन शिकायतों की वास्तविकता जांचने के लिए पड़ताल की गई, तो दुकानदार ने ऑफ-कैमरा स्वीकार किया कि वह यूरिया 600 रुपये में बेच रहा है। हालांकि, जैसे ही कैमरा ऑन करके उससे सरकारी दर से अधिक कीमत लेने का कारण पूछा गया, दुकानदार तुरंत दुकान बंद कर मौके से फरार हो गया। कार्रवाई के डर से दुकानदार ने दुकान के बाहर एक नोटिस चिपका दिया, जिसमें लिखा था: “हम दवा करवाने लखनऊ जा रहे हैं, दुकान 16 नवंबर 2025 से आगे नोटिस तक बंद रहेगी।” स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अधिकारियों को गुमराह करने और अपनी जिम्मेदारी से बचने की एक चाल है। इस पूरे मामले पर जब फरेंदा के उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र गौतम से बात की गई, तो उन्होंने जांच कराने और दोषी पाए जाने पर संबंधित दुकान का लाइसेंस निरस्त करने की बात कही।









































