सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 50वीं वाहिनी ने सीमावर्ती गांव नारिहवा में एक निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। नागरिक कल्याण कार्यक्रम के तहत 27 नवंबर 2025 को आयोजित इस शिविर में कुल 196 पशुओं का उपचार किया गया। यह शिविर ‘डी’ समवाय नारिहवा के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका संचालन वाहिनी के कमांडेंट संजय कुमार के निर्देशन में हुआ। इसमें क्षेत्रक मुख्यालय गोरखपुर से मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (एस.जी.) डॉ. चंदन तालुकदार, समवाय प्रभारी निरीक्षक जगदीश प्रसाद और मुख्य आरक्षी (पशुचिकित्सा) मुकेश कुमार सैनी उपस्थित रहे। शिविर का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के पशुपालकों को सहायता प्रदान करना था। इसमें पशु स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न रोगों की जाँच, उपचार और जागरूकता संबंधी जानकारी ग्रामीणों को दी गई। बीमार पशुओं को आवश्यक दवाइयाँ भी निःशुल्क वितरित की गईं। कुल 11 लाभार्थियों के 196 पशुओं की जाँच की गई। विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को पशुपालन से जुड़े रोगों की रोकथाम, टीकाकरण, पोषण और स्वच्छता के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। स्थानीय पशुपालकों को भविष्य में भी ऐसे शिविरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया। सशस्त्र सीमा बल की इस पहल की सीमावर्ती ग्रामीणों ने सराहना की। ग्रामीणों का मानना है कि ऐसे शिविर पशुओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करते हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जनहितकारी गतिविधियों को भविष्य में भी जारी रखा जाएगा।
SSB ने सीमावर्ती गांव में लगाया शिविर:196 पशुओं का निःशुल्क OPD में हुआ उपचार
सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 50वीं वाहिनी ने सीमावर्ती गांव नारिहवा में एक निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। नागरिक कल्याण कार्यक्रम के तहत 27 नवंबर 2025 को आयोजित इस शिविर में कुल 196 पशुओं का उपचार किया गया। यह शिविर ‘डी’ समवाय नारिहवा के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका संचालन वाहिनी के कमांडेंट संजय कुमार के निर्देशन में हुआ। इसमें क्षेत्रक मुख्यालय गोरखपुर से मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (एस.जी.) डॉ. चंदन तालुकदार, समवाय प्रभारी निरीक्षक जगदीश प्रसाद और मुख्य आरक्षी (पशुचिकित्सा) मुकेश कुमार सैनी उपस्थित रहे। शिविर का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के पशुपालकों को सहायता प्रदान करना था। इसमें पशु स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न रोगों की जाँच, उपचार और जागरूकता संबंधी जानकारी ग्रामीणों को दी गई। बीमार पशुओं को आवश्यक दवाइयाँ भी निःशुल्क वितरित की गईं। कुल 11 लाभार्थियों के 196 पशुओं की जाँच की गई। विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को पशुपालन से जुड़े रोगों की रोकथाम, टीकाकरण, पोषण और स्वच्छता के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। स्थानीय पशुपालकों को भविष्य में भी ऐसे शिविरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया। सशस्त्र सीमा बल की इस पहल की सीमावर्ती ग्रामीणों ने सराहना की। ग्रामीणों का मानना है कि ऐसे शिविर पशुओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करते हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जनहितकारी गतिविधियों को भविष्य में भी जारी रखा जाएगा।









































