चंद्रभान यादव | बर्डपुर(सिद्धार्थनगर), सिद्धार्थनगर4 घंटे पहले
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सिद्धार्थ विश्वविद्यालय।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु के रसायन शास्त्र विभाग में ‘भारत में अर्धचालक एवं इलेक्ट्रॉनिक उद्योग’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कविता शाह की प्रेरणा से हुआ। जापान के क्यूशू इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सहायक आचार्य डॉ. रवि नाथ त्रिपाठी मुख्य वक्ता रहे।
डॉ. त्रिपाठी ने अपने व्याख्यान में बताया कि वर्तमान समय में अर्धचालक उद्योग तकनीकी वैश्विक प्रगति की रीढ़ बन चुका है। उन्होंने कहा कि यह न केवल आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आधार है, बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, संचार, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में भी इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने आगे बताया कि भारत विश्व स्तर पर तेजी से उभरती हुई अर्धचालक निर्माण शक्ति बन रहा है। स्वदेशी अनुसंधान एवं विनिर्माण क्षमताओं के सुदृढ़ीकरण से आने वाले वर्षों में भारत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है।
डॉ. त्रिपाठी ने यह भी उल्लेख किया कि अर्धचालक उद्योग का विकास न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगा, बल्कि ऊर्जा-कुशल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता प्रो. प्रकृति राय ने कहा कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय व्याख्यान छात्रों के शैक्षणिक दृष्टिकोण को व्यापक बनाते हैं और उन्हें वैश्विक शोध प्रवृत्तियों से अवगत कराते हैं। उन्होंने अर्धचालक एवं इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को भारत के आत्मनिर्भरता अभियान का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।
विषय-प्रस्तावना विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. लक्ष्मण सिंह ने प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि ये व्याख्यान विद्यार्थियों और शोधार्थियों को वैश्विक वैज्ञानिक परिदृश्य से अवगत कराते हैं तथा उन्हें अनुसंधान की नई दिशाओं की ओर प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन सहायक आचार्य डॉ. शिल्पी श्रीवास्तव ने किया।
इस अवसर पर प्रो. सुनील कुमार श्रीवास्तव, डॉ. कौशलेन्द्र चतुर्वेदी, डॉ. आज़ाद कुमार, डॉ. अमरजीत यादव सहित विभाग के समस्त शिक्षकगण, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।









































