बांसी विकास खंड के चेतिया स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। कई वर्षों से इसी असुरक्षित भवन में अस्पताल का संचालन हो रहा है, जिससे मरीजों और कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग को इसके ध्वस्तीकरण के लिए सूचना भेजी जा चुकी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चेतिया के फार्मासिस्ट/प्रभारी पंकज शुक्ला ने बताया कि भवन की स्थिति बेहद खराब है और इसके ध्वस्तीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि वह वर्तमान में अवकाश पर हैं। पुराने भवन को कंडम घोषित होने के बाद ही उसे ध्वस्त किया जाएगा। अस्पताल परिसर में चिकित्सक आवास भी खंडहर में तब्दील हो चुके हैं, जिसके कारण यहां कोई एमबीबीएस डॉक्टर नियुक्त नहीं है। उच्च अधिकारियों से डॉक्टर की नियुक्ति के लिए पहले ही पत्राचार किया जा चुका है। फिलहाल, अस्पताल का संचालन इसी जर्जर भवन में जारी है। सुबह 9:55 बजे स्वीपर/चौकीदार विनोद कुमार अस्पताल परिसर की साफ-सफाई कर रहे थे। ठीक 10 बजे डॉक्टर आबिदा खातून (एलएमओ) अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने पहले से मौजूद मरीजों को क्रमवार अपने केबिन में बुलाकर स्वास्थ्य जांच की। वार्ड बॉय प्रदीप श्रीवास्तव अवकाश पर थे। स्टाफ नर्स अर्चना और कश्मीरा रावत प्रसव कक्ष में गर्भवती महिलाओं की जांच कर रही थीं। कश्मीरा रावत ने बताया कि अस्पताल में प्रति सप्ताह 6 से 8 डिलीवरी कराई जाती हैं। इसी परिसर में एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय भी संचालित हो रहा है। यहां डॉक्टर संध्या मौर्य, फार्मासिस्ट मृत्युंजय और वार्ड बॉय दिनेश चंद्र उपस्थित रहकर मरीजों को दवाएं वितरित कर रहे थे। इस दौरान घनश्याम चौरसिया, नंदकिशोर, सुरेश यादव, नौरंगी यादव, बृजेश, सुनील आदि लोग भी मौजूद रहे।
चेतिया PHC भवन जर्जर, मरीजों-कर्मचारियों को परेशानी:कई वर्षों से संचालन जारी, ध्वस्तीकरण की सूचना भेजी गई
बांसी विकास खंड के चेतिया स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। कई वर्षों से इसी असुरक्षित भवन में अस्पताल का संचालन हो रहा है, जिससे मरीजों और कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग को इसके ध्वस्तीकरण के लिए सूचना भेजी जा चुकी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चेतिया के फार्मासिस्ट/प्रभारी पंकज शुक्ला ने बताया कि भवन की स्थिति बेहद खराब है और इसके ध्वस्तीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि वह वर्तमान में अवकाश पर हैं। पुराने भवन को कंडम घोषित होने के बाद ही उसे ध्वस्त किया जाएगा। अस्पताल परिसर में चिकित्सक आवास भी खंडहर में तब्दील हो चुके हैं, जिसके कारण यहां कोई एमबीबीएस डॉक्टर नियुक्त नहीं है। उच्च अधिकारियों से डॉक्टर की नियुक्ति के लिए पहले ही पत्राचार किया जा चुका है। फिलहाल, अस्पताल का संचालन इसी जर्जर भवन में जारी है। सुबह 9:55 बजे स्वीपर/चौकीदार विनोद कुमार अस्पताल परिसर की साफ-सफाई कर रहे थे। ठीक 10 बजे डॉक्टर आबिदा खातून (एलएमओ) अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने पहले से मौजूद मरीजों को क्रमवार अपने केबिन में बुलाकर स्वास्थ्य जांच की। वार्ड बॉय प्रदीप श्रीवास्तव अवकाश पर थे। स्टाफ नर्स अर्चना और कश्मीरा रावत प्रसव कक्ष में गर्भवती महिलाओं की जांच कर रही थीं। कश्मीरा रावत ने बताया कि अस्पताल में प्रति सप्ताह 6 से 8 डिलीवरी कराई जाती हैं। इसी परिसर में एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय भी संचालित हो रहा है। यहां डॉक्टर संध्या मौर्य, फार्मासिस्ट मृत्युंजय और वार्ड बॉय दिनेश चंद्र उपस्थित रहकर मरीजों को दवाएं वितरित कर रहे थे। इस दौरान घनश्याम चौरसिया, नंदकिशोर, सुरेश यादव, नौरंगी यादव, बृजेश, सुनील आदि लोग भी मौजूद रहे।









































