सादुल्लाहनगर के दारुल उलूम सरकारे आसी में वरिष्ठ लिपिक मोहम्मद अकलीम हाशमी के सेवानिवृत्त होने पर एक विदाई समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने संस्थान में 28 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं। इस अवसर पर मदरसे के प्रबंधन, शिक्षकों, कर्मचारियों और सैकड़ों छात्रों ने उन्हें विदाई दी। अपने दीर्घ सेवाकाल के दौरान मोहम्मद अकलीम हाशमी ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से मदरसे को प्रशासनिक मजबूती प्रदान की। उनके योगदान से मदरसा न केवल शैक्षणिक रूप से सुदृढ़ हुआ, बल्कि जनपद में उसकी एक विशिष्ट पहचान भी बनी। कार्यक्रम में मदरसा प्रबंधक अब्दुल कादिर ने कहा कि अकलीम हाशमी के सेवानिवृत्त होने से संस्थान का एक मजबूत स्तंभ दूर हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे दूरदर्शी, कर्मठ और निष्ठावान कर्मचारी की आवश्यकता मदरसे को सदैव रहेगी। विदाई समारोह में प्रसिद्ध शायर कमर जावेद ने अपने संबोधन में मोहम्मद अकलीम हाशमी की उपलब्धियों और उनके सेवाभाव का वर्णन किया, जिसकी उपस्थित जनसमूह ने सराहना की। मदरसे के संस्थापक मौलाना मोहिबुल हक ने कहा कि यदि आज दारुल उलूम सरकारे आसी जनपद में अपनी एक सशक्त पहचान बनाए हुए है, तो उसमें अकलीम हाशमी का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि मदरसा उनके त्याग और कार्यों को कभी नहीं भूलेगा। कार्यक्रम का संचालन खान मोहम्मद द्वारा किया गया। समारोह में मोनिस हाशमी, तैय्यब हाशमी, मौलाना मुशाहिद रज़ा, सैय्यद फैजान, सैय्यद इरफान, मोहम्मद शाकिब, मोहम्मद वकास, दिलदार हुसैन सिद्दीकी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी एवं सैकड़ों छात्र उपस्थित रहे। अंत में, सभी उपस्थित लोगों ने मोहम्मद अकलीम हाशमी को विदाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य, स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना की।
दारुल उलूम सरकारे आसी के वरिष्ठ लिपिक सेवानिवृत्त:28 साल की सेवा के बाद विदाई, मदरसे के सैकड़ों छात्र रहे शामिल
सादुल्लाहनगर के दारुल उलूम सरकारे आसी में वरिष्ठ लिपिक मोहम्मद अकलीम हाशमी के सेवानिवृत्त होने पर एक विदाई समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने संस्थान में 28 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं। इस अवसर पर मदरसे के प्रबंधन, शिक्षकों, कर्मचारियों और सैकड़ों छात्रों ने उन्हें विदाई दी। अपने दीर्घ सेवाकाल के दौरान मोहम्मद अकलीम हाशमी ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से मदरसे को प्रशासनिक मजबूती प्रदान की। उनके योगदान से मदरसा न केवल शैक्षणिक रूप से सुदृढ़ हुआ, बल्कि जनपद में उसकी एक विशिष्ट पहचान भी बनी। कार्यक्रम में मदरसा प्रबंधक अब्दुल कादिर ने कहा कि अकलीम हाशमी के सेवानिवृत्त होने से संस्थान का एक मजबूत स्तंभ दूर हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे दूरदर्शी, कर्मठ और निष्ठावान कर्मचारी की आवश्यकता मदरसे को सदैव रहेगी। विदाई समारोह में प्रसिद्ध शायर कमर जावेद ने अपने संबोधन में मोहम्मद अकलीम हाशमी की उपलब्धियों और उनके सेवाभाव का वर्णन किया, जिसकी उपस्थित जनसमूह ने सराहना की। मदरसे के संस्थापक मौलाना मोहिबुल हक ने कहा कि यदि आज दारुल उलूम सरकारे आसी जनपद में अपनी एक सशक्त पहचान बनाए हुए है, तो उसमें अकलीम हाशमी का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि मदरसा उनके त्याग और कार्यों को कभी नहीं भूलेगा। कार्यक्रम का संचालन खान मोहम्मद द्वारा किया गया। समारोह में मोनिस हाशमी, तैय्यब हाशमी, मौलाना मुशाहिद रज़ा, सैय्यद फैजान, सैय्यद इरफान, मोहम्मद शाकिब, मोहम्मद वकास, दिलदार हुसैन सिद्दीकी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी एवं सैकड़ों छात्र उपस्थित रहे। अंत में, सभी उपस्थित लोगों ने मोहम्मद अकलीम हाशमी को विदाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य, स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना की।









































