देव उठनी एकादशी पर बाजारों में उमड़ी भीड़:मुंडेरवा में भगवान विष्णु की योगनिद्रा समाप्त, तुलसी विवाह का पूजन

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मुंडेरवा में देव उठनी एकादशी के अवसर पर मुंडेरवा कस्बे के बाजारों में भारी भीड़ उमड़ी। लोगों ने गन्ना, गंजी, सिंघाड़ा सहित अन्य पूजन सामग्री और सामानों की जमकर खरीदारी की। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। शास्त्रों के अनुसार, देव उठनी एकादशी के दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस व्रत से पापों का नाश होता है, मन की शुद्धि होती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। देव उठनी एकादशी की शाम का भी विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि संध्या में किए गए कुछ विशेष उपाय व्यक्ति के जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि के द्वार खोलते हैं। इन उपायों से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और परिवार में प्रेम व संतुलन बना रहता है।

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