बलरामपुर में अटल चिकित्सा महाविद्यालय के अधीन संयुक्त जिला चिकित्सालय में सोमवार को जहां एक ओर अधिकारी सीआरएम टीम को व्यवस्थाओं की चमक-दमक दिखाने में व्यस्त थे, वहीं दूसरी ओर अस्पताल में मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला मामला सामने आया। सोमवार दोपहर एक महिला चिकित्सक ने प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती को अस्पताल से बाहर कर दिया। कल्याणनगर अमरहवा निवासी मन्नू लाल ने अस्पताल प्रशासन और संबंधित महिला चिकित्सक पर धनउगाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि वह अपनी गर्भवती पत्नी मिट्ठू देवी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लेकर पहुंचे थे। प्रारंभिक जांच में सब कुछ सामान्य बताया गया, लेकिन करीब एक घंटे बाद महिला चिकित्सक ने मरीज की हालत गंभीर बताते हुए उसे अस्पताल से बाहर कर दिया और हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया। मन्नू लाल के अनुसार अगर पत्नी की हालत गंभीर थी, तो पहले ही रेफर कर देते, लेकिन उन्हें व्हीलचेयर पर बैठाकर अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। मजबूरी में मुझे उन्हें प्राइवेट अस्पताल ले जाना पड़ा। पीड़ित का आरोप है कि इससे पहले इसी चिकित्सक ने पिछले प्रसव के दौरान आठ हजार रुपए वसूले थे। अब फोन करके मामले को दबाने की चेतावनी दे रही हैं। सीएमओ डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं लगा
गर्भवती को अस्पताल से निकाला, डॉक्टर पर धनउगाही का आरोप:बलरामपुर में परिजनों के किया हंगामा, हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया
बलरामपुर में अटल चिकित्सा महाविद्यालय के अधीन संयुक्त जिला चिकित्सालय में सोमवार को जहां एक ओर अधिकारी सीआरएम टीम को व्यवस्थाओं की चमक-दमक दिखाने में व्यस्त थे, वहीं दूसरी ओर अस्पताल में मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला मामला सामने आया। सोमवार दोपहर एक महिला चिकित्सक ने प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती को अस्पताल से बाहर कर दिया। कल्याणनगर अमरहवा निवासी मन्नू लाल ने अस्पताल प्रशासन और संबंधित महिला चिकित्सक पर धनउगाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि वह अपनी गर्भवती पत्नी मिट्ठू देवी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लेकर पहुंचे थे। प्रारंभिक जांच में सब कुछ सामान्य बताया गया, लेकिन करीब एक घंटे बाद महिला चिकित्सक ने मरीज की हालत गंभीर बताते हुए उसे अस्पताल से बाहर कर दिया और हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया। मन्नू लाल के अनुसार अगर पत्नी की हालत गंभीर थी, तो पहले ही रेफर कर देते, लेकिन उन्हें व्हीलचेयर पर बैठाकर अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। मजबूरी में मुझे उन्हें प्राइवेट अस्पताल ले जाना पड़ा। पीड़ित का आरोप है कि इससे पहले इसी चिकित्सक ने पिछले प्रसव के दौरान आठ हजार रुपए वसूले थे। अब फोन करके मामले को दबाने की चेतावनी दे रही हैं। सीएमओ डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन नहीं लगा









































