बलरामपुर नगर और आसपास के तेजी से विकसित हो रहे आवासीय व औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा विभाग ने तीन नए उपकेंद्रों के निर्माण की योजना बनाई है। जिला मुख्यालय से तुलसीपुर, उतरौला, गोंडा और बहराइच मार्गों पर नए मोहल्लों और कॉलोनियों का लगातार विकास हो रहा है। इससे मौजूदा उपकेंद्रों पर भार बढ़ गया है। जिसके परिणामस्वरूप लंबी लाइनों के कारण फॉल्ट और बिजली कटौती की समस्याएं भी बढ़ी हैं। ऊर्जा विभाग ने वर्तमान स्थिति का आकलन करने के बाद तीन स्थानों पर नए उपकेंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा है। ये स्थान उतरौला मार्ग पर नहर बालागंज,तुलसीपुर रोड पर बिजलीपुर और बहराइच मार्ग पर सेखुईकुला चौराहे के पास हैं। अधिकारियों का मानना है कि इन उपकेंद्रों के निर्माण से न केवल नगर की बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। बल्कि घुसाह, विशुनापुर, बिजलीपुर, बलरामपुर देहात, कालीथान, महेशभारी और गोंदीपुर जैसे आसपास के गांवों को भी स्थिर बिजली मिल सकेगी। इन क्षेत्रों में आवासीय और औद्योगिक विकास के कारण आने वाले वर्षों में बिजली की खपत और बढ़ने की आशंका है। पिछले गर्मी के मौसम में भगवतीगंज उपकेंद्र पर अत्यधिक भार पड़ने के कारण कई ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति रोककर नगर को बिजली देनी पड़ी थी।विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते नए उपकेंद्रों का निर्माण नहीं हुआ, तो भविष्य में ऐसी समस्याएं और गंभीर हो सकती हैं। इस संबंध में बिजली विभाग ने उप जिलाधिकारी सदर को पत्र लिखकर तकनीकी रूप से उपयुक्त और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से बाहर भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।नहर बालागंज से जिला कारागार के मध्य, सेखुईकुला चौराहे के पास और तुलसीपुर मार्ग पर पेट्रोल पंप से बिजलीपुर मंदिर के बीच भूमि चिह्नित करने की प्रक्रिया जारी है। सदर विधायक पल्टूराम ने बताया कि जर्जर तारों और पुराने ट्रांसफार्मरों को बदलने का कार्य पहले से ही चल रहा है।उन्होंने कहा कि नए उपकेंद्रों के बनने से शहर और उससे जुड़े गांवों को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। अधिशासी अभियंता अजय सिंह ने जानकारी दी कि तीनों उपकेंद्रों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध होते ही कार्य तेजी से शुरू कर दिया जाएगा।इससे जिले की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दीर्घकालिक मजबूती मिलेगी।
बलरामपुर में बिजली व्यवस्था होगी और सुदृढ़:3 नए उपकेंद्रों को स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा
बलरामपुर नगर और आसपास के तेजी से विकसित हो रहे आवासीय व औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा विभाग ने तीन नए उपकेंद्रों के निर्माण की योजना बनाई है। जिला मुख्यालय से तुलसीपुर, उतरौला, गोंडा और बहराइच मार्गों पर नए मोहल्लों और कॉलोनियों का लगातार विकास हो रहा है। इससे मौजूदा उपकेंद्रों पर भार बढ़ गया है। जिसके परिणामस्वरूप लंबी लाइनों के कारण फॉल्ट और बिजली कटौती की समस्याएं भी बढ़ी हैं। ऊर्जा विभाग ने वर्तमान स्थिति का आकलन करने के बाद तीन स्थानों पर नए उपकेंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा है। ये स्थान उतरौला मार्ग पर नहर बालागंज,तुलसीपुर रोड पर बिजलीपुर और बहराइच मार्ग पर सेखुईकुला चौराहे के पास हैं। अधिकारियों का मानना है कि इन उपकेंद्रों के निर्माण से न केवल नगर की बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। बल्कि घुसाह, विशुनापुर, बिजलीपुर, बलरामपुर देहात, कालीथान, महेशभारी और गोंदीपुर जैसे आसपास के गांवों को भी स्थिर बिजली मिल सकेगी। इन क्षेत्रों में आवासीय और औद्योगिक विकास के कारण आने वाले वर्षों में बिजली की खपत और बढ़ने की आशंका है। पिछले गर्मी के मौसम में भगवतीगंज उपकेंद्र पर अत्यधिक भार पड़ने के कारण कई ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति रोककर नगर को बिजली देनी पड़ी थी।विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते नए उपकेंद्रों का निर्माण नहीं हुआ, तो भविष्य में ऐसी समस्याएं और गंभीर हो सकती हैं। इस संबंध में बिजली विभाग ने उप जिलाधिकारी सदर को पत्र लिखकर तकनीकी रूप से उपयुक्त और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से बाहर भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।नहर बालागंज से जिला कारागार के मध्य, सेखुईकुला चौराहे के पास और तुलसीपुर मार्ग पर पेट्रोल पंप से बिजलीपुर मंदिर के बीच भूमि चिह्नित करने की प्रक्रिया जारी है। सदर विधायक पल्टूराम ने बताया कि जर्जर तारों और पुराने ट्रांसफार्मरों को बदलने का कार्य पहले से ही चल रहा है।उन्होंने कहा कि नए उपकेंद्रों के बनने से शहर और उससे जुड़े गांवों को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। अधिशासी अभियंता अजय सिंह ने जानकारी दी कि तीनों उपकेंद्रों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध होते ही कार्य तेजी से शुरू कर दिया जाएगा।इससे जिले की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दीर्घकालिक मजबूती मिलेगी।















