Mumbai Air Pollution: मुंबई की हवा में घुला पटाखों का जहर! 24 घंटे में हुई 150 करोड़ की आतिशबाजी! AQI ‘गंभीर’

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Mumbai Pollution: मुंबई में दिवाली की रात लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े. इसके कारण आज मुंबई में वायु की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है. मुंबई में AQI का स्तर 288 तक पहुंच गया है.

Mumbai AQI Today: मुंबई के लोगों ने दिवाली जोरदार ढंग से मनाई है. लक्ष्मी पूजन के दिन मुंबई में 24 घंटे के अंदर 150 करोड़ रुपये के पटाखे फोड़े गए. इसका सीधा असर वायु की गुणवत्ता पर पड़ा. नतीजतन मुंबई में वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) स्तर फिर से खराब हो गया है. मुंबई में वायु गुणवत्ता का स्तर 288 तक पहुंच गया है. पिछले 24 घंटों में मुंबई में बड़ी संख्या में पटाखे फोड़े गए हैं.

मुंबई में कैसी है वायु की गुणवत्ता?

पिछले कुछ दिनों से मुंबई में हवा का स्तर दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है. इसके अलावा दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने का चलन बढ़ने से हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो गई है. दिवाली से पहले बेमौसम बारिश के कारण हवा में धूल की मात्रा कम होने से वायु स्तर में थोड़ा सुधार हुआ था, लेकिन दिवाली के दिन तूफानी आतिशबाजी के कारण हवा के स्तर में फिर से गिरावट देखी जा रही है.

लोगों ने जमकर फोड़े पटाखे

लक्ष्मी पूजा के दिन मुंबई समेत आसपास के शहरों में जमकर आतिशबाजी की गई. हालांकि पटाखों की मात्रा अपेक्षाकृत कम है. पटाखे फोड़ने का समय रात 8 से 10 बजे तक तय था, लेकिन देखा गया कि शाम से ही पटाखे फोड़े जाने शुरू हो गए. आधी रात के बाद भी कई जगहों पर आतिशबाजी चल रही थी. इसका असर मुंबई की हवा पर पड़ता नजर आ रहा है.

मुंबई की आवोहबा में फैला ‘जहर’

मुंबई समेत उपनगरों में पटाखों की वजह से प्रदूषण बढ़ गया है. पिछले कुछ दिनों में बेमौसम बारिश के कारण मुंबई में वायु गुणवत्ता कुछ हद तक नियंत्रण में थी. चूंकि मुंबई में हवा की गुणवत्ता दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. बता दें, मुंबई के अलावा दिल्ली में भी लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े. दिल्ली की वायु गुणवत्ता भी काफी खराब हो चुकी है.

पिछले कुछ दिनो से मुंबई और आसपास के इलाको मे वायु प्रदुषण की गुणवत्ता काफी खराब होती जा रही है। हालांकी सरकार की ओर से इस प्रदुषण को कम करने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे है। इसके साथ ही गुरुवार रात को हुई अचानक बारिश के कारण मुंबई मे वायु गुणवत्ता मे हल्का सुधार हुआ था। हालांकी दिवाली की शाम को पटाखों से मुंबई की वायु गुणवत्ता एक बार फिर से खराब हो गई। (Mumbai air quality deteriorates due to firecrackers)

कोर्ट ने सिर्फ दो घंटे ही दी थी इजाजत

वायु प्रदुषण के स्तर को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिवाली की रात सिर्फ दो घंटे ही पटाखे फोड़ने की इजाजत दी थी। रात 8 से 10 के बीच ही कोर्ट ने पटाखे फोड़ने की इजाजत दी थी। इसके बावजूद मुंबई मे लोगों ने रविवार सुबह से ही जमकर आतिशबाजी की। शाम को लक्ष्मी पूजा के बाद जमकर आतिशबाजी की गयी।

इसके चलते मुंबई और पुणे में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है। सोमवार सुबह से ही मुंबई की हवा में बड़ी मात्रा में धुआं दिखाई दे रहा था। मुंबई शहर और इसके आसपास के कुछ हिस्सों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर चली गई।

मुंबई में AQI वर्तमान की रीडिंग 234

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, मुंबई में AQI वर्तमान में 234 की रीडिंग के साथ ‘खराब’ श्रेणी में है।0 और 50 के बीच एक AQI को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच गंभीर एक्यूआई माना जाता है।

दिल्ली में प्रदूषण के कारण सांस लेना भी मुश्किल

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता तेजी से खराब हो गई है। दिवाली की रात राजधानी दिल्ली में पटाखे छोड़े जाने से हवा में धुआं ही धुआं नजर आया. इसलिए कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। जिन इलाकों में AQI में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। दिवाली की शाम तक, दिल्ली का औसत AQI 218 दर्ज किया गया, जिसने दिवाली के दिन सबसे अच्छी हवा का 8 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। दिवाली पर दिल्लीवासियों को आसमान साफ दिखा और हवा सांस लेने लायक हो गई। हालांकि, रात में हवा खराब हो गई और तापमान गिरने से प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा।

बीएमसी मुंबई मे दिवाली के बाद मधुमेह को लेकर एक अहम कदम उठाने जा रही है। बीएमसी दिवाली के बाद पूरे शहर मे मधुमेह की जांच को लकेर अभियान चलाने जा रही है। कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह के अनुसार, मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिससे बहुत से लोग अनजान हैं, जिससे कई जटिलताएँ हो सकती हैं। डॉ. शाह ने कहा कि नागरिक संगठन इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए दिवाली समारोह के तुरंत बाद पूरे मुंबई में स्क्रीनिंग कार्यशालाओं की मेजबानी करेगा।

उन्होंने आगे बताया कि मॉल और ट्रेन स्टेशनों जैसे उच्च यातायात वाले स्थानों को स्क्रीनिंग के लिए बीएमसी द्वारा चुना गया है। उनके अनुसार, अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों और अन्य चिकित्सा कर्मियों द्वारा नियुक्त स्वास्थ्य डेस्क बनाएंगे। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि यह सभी के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि गैर-संचारी रोग देशभर में तेजी से फैल रहे हैं। इसके अलावा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा और कैंसर जैसे मूक हत्यारे मौजूद हैं। मधुमेह के परीक्षण से बीएमसी को इस स्थिति से पीड़ित व्यक्तियों की सटीक संख्या निर्धारित करने में मदद मिलेगी।

हाल ही में बीएमसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घरों का एक सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण में, उन्होंने व्यक्तिगत साक्षात्कार (चरण 1), बुनियादी शारीरिक परीक्षाओं (चरण 2), और जैव रासायनिक विश्लेषण के लिए मूत्र और रक्त के नमूनों के संग्रह (चरण 3) के माध्यम से जोखिम कारकों पर डेटा एकत्र किया। सर्वेक्षण से पता चला कि 18% उत्तरदाताओं में फास्टिंग रक्त ग्लूकोज का स्तर 126 मिलीग्राम/डेसीलीटर (सामान्य: 70-99) से अधिक था।

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