फाइलेरियाग्रस्त अंगों की सूजन कम करने को आसान व्यायाम करें: डॉ. अर्चना

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– ऐलिया सीएचसी पर दिया गया रुग्णता प्रबंधन का प्रशिक्षण
श्रावस्ती। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ऐलिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार को फाइलेरिया मरीजों को रोग प्रबंधन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन व दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) किट के जरिए फाइलेरियाग्रस्त अंग की नियमित सफाई के तरीके बताए गए। प्रशिक्षण में बीसीपीएम स्मृति शुक्ला सहित सभी अधिकारियों ने 27 फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट प्रदान की।
सहायक मलेरिया अधिकारी डॉ. अर्चना मिश्रा ने बताया कि यह बीमारी कभी ठीक नहीं होती है बस इसका रोकथाम और प्रबंधन किया जा सकता है। इसलिए फाइलेरिया प्रभावित अंगों की साफ सफाई रखना जरूरी होता है। इस बीमारी में आपको दवा के साथ-साथ हल्के व्यायाम भी बहुत आवश्यक है जितना ज्यादा व्यायाम करेंगे आप उतना ज्यादा अपनी सूजन को कम कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोगी यदि नियमित साफ सफाई रखें और व्यायाम करें तो बीमारी नियंत्रण में रहती है।
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी विजय कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने से फाइलेरिया के परजीवी शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। मच्छरों से बचाव कर हम लोग फाइलेरिया से बच सकते हैं। मच्छरों से बचने के लिए सभी को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। खुली नालियों के होने से जल भराव होता है, जिससे उसमें मच्छर पनपते हैं। ऐसे में मच्छरों को नष्ट करने के लिए जल भराव वाले स्थानों में प्रयोग किया हुआ मोबिल ऑयल डाल दें। फाइलेरिया निरीक्षक  आर्यन शुक्ला ने एमएमडीपी किट का प्रदर्शन करते हुए उसके प्रयोग और फाइलेरिया ग्रस्त अंगों की साफ-सफाई के तरीकों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक एमएमडीपी किटसीताप तसला, एक बाल्टी, मग, तौलिया, साबुन और क्रीम होती है।
इनसेट —
*क्या कहते हैं मरीज —*
पसनैका गांव की पिंकी देवी के दाहिने पैर में बीते 12 सालों से फाइलेरिया है। वह बताती हैं कि आज साफ-सफाई और व्यायाम के बारे में बताया गया है। पहले न तो बीमारी के बारें मे पता था न ही देखभाल के तरीके के बारे में पता था। मैं आज से ही अपने पैर के साफ-सफाई व व्यायाम करने पर ध्यान दूंगी। इससे दर्द में और चलने में आराम तो मिलेगा। कचनार की संतोषी ने बताया कि फाइलेरियाग्रसित अंगों की साफ-सफाई और पैर धोने व पोछने के बारे में जानकारी मिली है। मैं डॉक्टर के बताए अनुसार रोजना दिन में दो बार अपने पैरों की सफाई करूंगी। इमलिया गांव के विजय कुमार ने कहा कि आज की मीटिंग में बताया गया कि मच्छर काटने से फाइलेरिया होता है। अब मच्छरदानी लगाकर ही सोने से बचाव होगा। घर के आसपास साफ सफाई रखकर हमें मच्छरों को पनपने नहीं देना है।