आयुष्मान मेले में फाइलेरिया मरीजों को मिलेगी एमएमडीपी किट

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– शनिवार व रविवार को स्वास्थ्य केंद्रों पर होता है मेले का आयोजन
सीतापुर*। आयुष्मान मेले में पूर्व की तरह उपचार के साथ ही अब फाइलेरिया मरीजों को रोग प्रबंधन व हाइड्रोसील के रोगियों को ऑपरेशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारी व सीएमओ को पत्र जारी कर निर्देशित किया है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य प्रत्येक शनिवार को हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों पर तथा रविवार को सीएचसी और पीएचसी पर आयोजित होने वाले मेले में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत फाइलेरिया एवं हाइड्रोसील के रोगियों के लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत उपचार व मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन व दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) किट प्रदान करना है।
राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. राजशेखर ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता है। इसके अलावा नियमित व्यायाम करने से सूजन में भी कमी अाती है। जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की साफ-सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है।
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*फाइलेरिया रोगियों ने की सराहा —*
आयुष्मान मेले में फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट उपलब्ध कराने की सरकारी योजना का फाइलेरिया मरीजों ने खुले दिल से स्वागत किया है। बिसवां ब्लॉक में सेंटर फार एडवोकेसी संस्था के सहयोग से गठित फाइलेरिया रोगी सहायता समूह की सदस्य और पुरवादासापुर गांव की शांति (71) और कारीपुर गांव की सावित्री (60) ने बताया कि उन्हें करीब 25 साल से दाहिने पैर में हाथीपांव की बीमारी है। पहले बहुत झाड़ फूंक करवाया, कुछ घरेलू दवाओं का भी सेवन किया पर कोई फायदा नहीं हुआ। पहले इस उपचार के बारे पता नहीं था लेकिन गांव के समूह से जुड़ने के बाद इसकी देखभाल की जानकारी मिली और अब एमएमडीपी किट मिल जाने से वह अपने फाइलेरियाग्रस्त पैर की देखभाल अच्छे से कर सकेंगी। हरगांव ब्लॉक के शेखवापुर गांव की केशकली (32) का बायां पैर छह सालों से और भदेवा गांव की आरती श्रीवास्तव (42) का बायां पैर चार सालों फाइलेरियाग्रसित है। इन लोगों का कहना है कि समूह से जुड़ने के बाद उन्हें पता चला कि फाइलेरिया मच्छर काटने से ही होता है। इसके लक्षण कई सालों बाद देखने को मिलते हैं। अब किट मिल जाने से हम लोग अपने पैरों की साफ-सफाई व देखभाल और भी अच्छे तरीके से कर सकेंगी।
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*सीएमओ ने दिए निर्देश —*
आयुष्मान मेले में फाइलेरिया रोगियों का विशेष ख्याल रखा जाए। उन्हें समुचित रूप से एमएमडीपी की ट्रेनिंग दी जाए और किट भी उपलब्ध कराई जाए। इस संबंध में सभी सीएचसी और पीएचसी के चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।
*- सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह*