योगी सरकार का वकीलों को लेकर बड़ा फैसला, एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित

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उत्तर प्रदेश के हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद से ही लंबे समय तक वकीलों की हड़ताल देखने को मिली. जिसके बाद यूपी बार काउंसिल की ओर से 14 सितंबर को लखनऊ में मुख्य सचिव से बातचीत के बाद हड़ताल वापस लिए जाने का फैसला लिया गया. फिलहाल अब भी कई जगहों पर वकीलों की हड़ताल जारी है. वहीं इस बीच योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने वकीलों की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है.

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योगी सरकार वकीलों के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल (UP advocate protection bill) लाने जा रही है. इसके लिए शासन की तरफ से तीन सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया है. एडीजी अभियोजन और यूपी काउंसिल प्रयागराज की ओर से नामित एक प्रतिनिधि इसमें सदस्य होंगे. यह समिति एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करेगी और फिर अपना सुझाव या सिफारिश राज्य विधि आयोग को भेजेगी.

दरअसल लंबे समय चली आ रही एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल की मांग यूपी के वकील लंबे समय से कर रहे थे. उधर हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठी चार्ज के बाद वकीलों के संगठनों ने हड़ताल का एलान करते हुए अन्य मांगों के साथ ही एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को भी लागू करने की मांग की थी. इसी सिलसिले में यूपी बार काउंसिल के पदाधिकारियों की शासन स्तर के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. जिसमें एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के लिए एक कमेटी का गठन करने पर सहमति बनी थी.

इसी क्रम में यूपी सरकार ने मंगलवार को एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल तैयार करने के संबंध में विचार विमर्श के लिए समिति का गठन कर दिया है. इस संबंध में प्रमुख सचिव न्याय एवं विधि परामर्शी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की ओर से पत्र जारी कर दिया गया है. पत्र में बताया गया कि यह समिति बैठक कर एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श कर अपना विचार कर अपनी संस्तुतियां यूपी राज्य विधि आयोग को आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रस्तुत करेगी.

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