वाह यूपी पुलिस! पड़ोस के थाने में दर्ज थी गुमशुदगी, लावारिस में करवा दिया अंतिम संस्कार

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गज़ब…. पड़ोस के थाने में दर्ज थी गुमशुदगी और  POLICE ने लावारिस में करवा दिया अंतिम संस्कार

राजधानी लखनऊ में वजीरगंज पुलिस लापता युवती की गुमशुदगी दर्ज कर हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और गोमती नदी में शव मिलने के बाद चौक पुलिस ने उसका लावारिस में अंतिम संस्कार करवा दिया। परिवारीजन तलाशते हुए चौक पुलिस के पास पहुंचे, तब उन्हें युवती का शव मिलने और उसका लावारिस में अंतिम संस्कार किए जाने की जानकारी हुई। एक ही जोन के दोनों थानों की पुलिस की लापरवाही से परिवारीजन को युवती के शव का अंतिम संस्कार करना भी नसीब नहीं हुआ।

क्या है पूरा मामला

वजीरगंज इलाके की नई बस्ती बांसमंडी निवासी आरती जायसवाल (32) 18 अक्टूबर को घर से काली जी मंदिर जाने की बात कहकर निकली थी, लेकिन वह वापस नहीं आई। 20 अक्टूबर को गौतमबुद्ध पार्क के पीछे गोमती नदी में उसका शव उतराता मिला था। चौक पुलिस ने शव की पहचान न होने पर उसे लावारिस में दाखिल कर पोस्टमॉर्टम के लिए केजीएमयू की मर्च्युरी भेज दिया था। उधर, घरवालों ने आरती को काफी तलाशा, उनका पता न चलने पर भाई दिलीप ने 21 अक्टूबर को वजीरगंज कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। वजीरगंज कोतवाली की पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली, लेकिन उसे तलाशने का प्रयास नहीं किया। उधर, चौक पुलिस ने भी शव बरामद होने के बाद उसकी पहचान करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजतन 24 अक्टूबर को चौक पुलिस ने आरती के शव को लावारिस करार देकर उसका अंतिम संस्कार करवा दिया था।



जोन के दो थानों में केस फिर भी

वजीरगंज और चौक कोतवाली लखनऊ पश्चिम जोन के थाने हैं। वजीरगंज कोतवाली में आरती की गुमशुदगी दर्ज थी और चौक पुलिस ने गोमती नदी में शव मिलने पर पंचनामा भरा था। इसके बावजूद दोनों थानों की पुलिस ने युवती को तलाशने और शव की पहचान करवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। परिवारीजन ने बताया कि आरती अक्सर काली जी मंदिर आती जाती थी। 19 अक्टूबर को भी वह मंदिर जाने की बात कहकर निकली थी। आसपास के लोगों ने बताया कि 19 अक्टूबर को नए पक्का पुल से एक युवती के कूदने की बात सामने आई थी, लेकिन उसका पता नहीं चला था। आशंका जताई जा रही है कि आरती उसी दिन नदी में कूद गई थी और 20 अक्टूबर को उसका शव मिल गया था। आरती के परिवार में मां के अलावा पांच बहनें व तीन भाई हैं।




लखनऊ: वजीरगंज पुलिस लापता युवती की गुमशुदगी दर्ज कर हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और गोमती नदी में शव मिलने के बाद चौक पुलिस ने उसका लावारिस में अंतिम संस्कार करवा दिया। परिवारीजन तलाशते हुए चौक पुलिस के पास पहुंचे, तब उन्हें युवती का शव मिलने और उसका लावारिस में अंतिम संस्कार किए जाने की जानकारी हुई। एक ही जोन के दोनों थानों की पुलिस की लापरवाही से परिवारीजन को युवती के शव का अंतिम संस्कार करना भी नसीब नहीं हुआ।

वजीरगंज इलाके की नई बस्ती बांसमंडी निवासी आरती जायसवाल (32) 18 अक्टूबर को घर से काली जी मंदिर जाने की बात कहकर निकली थी, लेकिन वह वापस नहीं आई। 20 अक्टूबर को गौतमबुद्ध पार्क के पीछे गोमती नदी में उसका शव उतराता मिला था।

चौक पुलिस ने शव की पहचान न होने पर उसे लावारिस में दाखिल कर पोस्टमॉर्टम के लिए केजीएमयू की मर्च्युरी भेज दिया था। उधर, घरवालों ने आरती को काफी तलाशा, उनका पता न चलने पर भाई दिलीप ने 21 अक्टूबर को वजीरगंज कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी।

वजीरगंज कोतवाली की पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली, लेकिन उसे तलाशने का प्रयास नहीं किया। उधर, चौक पुलिस ने भी शव बरामद होने के बाद उसकी पहचान करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजतन 24 अक्टूबर को चौक पुलिस ने आरती के शव को लावारिस करार देकर उसका अंतिम संस्कार करवा दिया था।




दिलीप ने बताया कि कुछ लोगों से नदी में शव मिलने की जानकारी पाकर 24 अक्टूबर को वह परिवारीजन के साथ रूमी गेट पुलिस चौकी पहुंचे। वहां चौकी प्रभारी ने शव की फोटो दिखाई, तब पता चला कि वह शव आरती का था, लेकिन तब तक उसके शव का अंतिम संस्कार करवाया जा चुका था।

एक जोन के दो थानों में केस, फिर भी नहीं हो पाई पहचान

वजीरगंज और चौक कोतवाली लखनऊ पश्चिम जोन के थाने हैं। वजीरगंज कोतवाली में आरती की गुमशुदगी दर्ज थी और चौक पुलिस ने गोमती नदी में शव मिलने पर पंचनामा भरा था। इसके बावजूद दोनों थानों की पुलिस ने युवती को तलाशने और शव की पहचान करवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। परिवारीजन ने बताया कि आरती अक्सर काली जी मंदिर आती जाती थी।

19 अक्टूबर को भी वह मंदिर जाने की बात कहकर निकली थी। आसपास के लोगों ने बताया कि 19 अक्टूबर को नए पक्का पुल से एक युवती के कूदने की बात सामने आई थी, लेकिन उसका पता नहीं चला था। आशंका जताई जा रही है कि आरती उसी दिन नदी में कूद गई थी और 20 अक्टूबर को उसका शव मिल गया था। आरती के परिवार में मां के अलावा पांच बहनें व तीन भाई हैं।



राज बनकर रह गई हेड कॉन्स्टेबल के बेटे की मौत

जानकीपुरम इलाके में पीआरवी के हेड कॉन्स्टेबल उमापति वर्मा के बेटे सुजीत का शव 24 सितंबर को एलडीए की ओर से सील किए गए निर्माणाधीन भवन में मिला था। वह 21 जनवरी को लापता हो गया था।

जानकीपुरम थाने में उसकी गुमशुदगी 22 सितंबर को दर्ज करवाई गई थी। पुलिस इस केस में भी गुमशुदगी दर्ज कर बैठी रही और थाने से चंद कदम की दूरी पर स्थित भवन में उसका शव पड़ा पाया गया था।

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