मथुरा में शाही ईदगाह परिसर के ASI सर्वे को मिली मंजूरी, हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में सुनाया बड़ा फैसला

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उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) के विवादित परिसर श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) शाही ईदगाह (Shahi Idgah) मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए आयोग को सर्वे के लिए मंजूरी दे दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच फैसला सुनाया। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड की दलीलों को खारिज कर दिया। हिंदू पक्ष ने इस फैसले को बड़ी जीत बताया है।

हिंदू पक्ष के वकील ने दी जानकारी

कृष्ण जन्मभूमि मामले पर, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है, जहां हमने अधिवक्ता आयुक्त द्वारा (शाही ईदगाह मस्जिद) के सर्वेक्षण की मांग की थी। तौर-तरीके 18 दिसंबर को तय किए जाएंगे। शाही ईदगाह मस्जिद के तर्कों को खारिज कर दिया है।

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उन्होंने कहा कि मेरी मांग थी कि शाही ईदगाह मस्जिद में हिंदू मंदिर के बहुत सारे चिन्ह और प्रतीक हैं, और वास्तविक स्थिति जानने के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त की आवश्यकता है। यह अदालत का एक ऐतिहासिक फैसला है। श्रीकृष्ण विराजमान, अस्थान श्रीकृष्ण जन्मस्थान, रंजना अग्निहोत्री समेत आठ लोगों ने इस मामले में अदालत में 25 सितंबर को दावा दायर किया था।

इसमें श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच 1968 में हुए समझौते को गलत बताया। इसमें समझौता हुआ था कि मस्जिद जितनी जमीन में बनी है, वह बनी रहेगी। जबकि मंदिर जहां बना हैं, वहां बना रहेगा। दावा में इस समझौते को अवैध करार दिया गया है।

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हाईकोर्ट में लीडिंग सूट भगवान श्री कृष्ण विराजमान कटरा केशव देव के नाम से रंजन अग्निहोत्री की ओर से दाखिल की गई है। याचिकाओं में 12 अक्टूबर 1968 को हुए समझौते को अवैध बताया गया है। इसके साथ ही समझौते के तहत शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई 13.37 एकड़ जमीन भगवान श्री कृष्ण विराजमान को दिए जाने की मांग की गई है।

अवैध रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को भी हटाए जाने की मांग की गई है। याचिका में कुल चार पक्षकार बनाए गए हैं। शाही ईदगाह मस्जिद, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और श्री कृष्ण जन्मभूमि संघ को पक्षकार बनाया गया है। हाईकोर्ट में अर्जी पर श्री कृष्ण विराजमान की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बहस की थी।

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