बस्ती: अटरडिहा गोशाला बनी गायों की कब्रगाह, भूख से तड़पकर मर रहे गोवंश

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  • गौशाला में रोज़ गायें मर रही हैं’ 
  • अटरडिहा गौशाला से 1 किलोमीटर दूर गंधारिया गांव में दो दिन से मृत पड़ी है गाय
  • कब तक गौशालाओं में गायों की मौत फाइलों के बीच दब कर मरती रहेगी?

यूपी की योगी सरकार गायों की सुरक्षा के लिए जगह जगह गौशाला खोल रही है बावजूद उसके भी गायें पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। जिसका जीता जागता उदाहरण यूपी के बस्ती के अटरडीहा गौशाला केंद्र में देखने को मिला। जहां एक गाय की मौत हो चुकी है जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बस्ती जिले के विकासखंड रामनगर ग्राम पंचायत अटरडिहा में फिर एक गाय आज फिर मरी पड़ी है 4 तारीख को एक गाय वहां पर मारी थी जो 24 घंटे से शव पडा था। जबकि जिम्मेदारों को कोई भनक नहीं थी। जब हमारी टीम वहां पर पहुंची वहां पर जांच पड़ताल करने के बाद में जिम्मेदारों ने उसे पर लीपापोती करवा दिया और दूसरी गए जो सीरियस पड़ी हुई थी वह आज दम तोड़ दी और गौशालय में नहीं क्योंकि गौशाला से उसको दूर निकल करके फेंकवा दिया गया था। जिस गाय को 5 तारीख को अटरडिहा गौशाला में देखा गया वह गए 14 तारीख को ग्राम पंचायत गंधारिया एक पोखर पर मरी पड़ी हुई मिली। ग्राम प्रधान मनोज कुमार यादव की देख रेख मे ये गौशाला है

इस संबंध में फोन के माध्यम से बातचीत की गई उसका ऑडियो

आपको बता दें कि 4 तारीख तक एक गाय की मौत पहले ही हो चुकी थी वही आज यहां गौशाला से 1 किलोमीटर दूरी पर गंधारिया एक गाय पोखर के किनारे मरी पड़ी हुई है। सवाल उठता है कि एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुखिया जहां गांव गोवंश के लिए कठोर से कदम उठा रहे हैं। वही जिम्मेदारों की करतूत नजर आ रही है।

खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही पशुओं के संरक्षण के लिए गांव -गांव कान्हा गौशाला का निर्माण करा रहे हैं लेकिन धरातल की सच्चाई यह है कि पशुओं के संरक्षण के नाम पर गौशाला के अंदर उनको मौत मिल रही है ,ताजा मामला बस्ती जनपद के विकासखंड रामनगर के ग्राम पंचायत अटरडीहा में बने गौशाला की है जंहा चारा- पानी की सुचारू रूप से व्यवस्था न होने के कारण बेड़े में कैद पशु दम तोड़ रहे हैं।

ग्राम पंचायत अटरडीहा में अस्थाई गौवंश आश्रय का निर्माण कराया गया है जंहा पर मौके की पड़ताल करने के बाद पता चला कि गौ-शाला में जरूरी सुबिधाओं के भी लाले पड़ गए हैं जिसकी वजह से कल सुबह एक गाय की मौत हो गई।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चारे और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराए बगैर ही शासन द्वारा इस तरहं से गौशाला चलाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दे दी गई है।यअब इसमें सबसे बड़ा दोषी कौन है यह सवाल लोगों के जेहन में खटक रहा है ,प्रधान कह रहे हैं कि धन नही है ,प्रशासन कह रहा है कि हम मुस्तैदी से लगे हैं, शासन यानी खुद योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि खामियां मिली तो छोड़ेंगे नही। जब कि सब कमियां ही कमियां है।

यूपी की योगी सरकार गायों की सुरक्षा के लिए जगह जगह गौशाला खोल रही है बावजूद उसके भी गायें पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। जिसका जीता जागता उदाहरण यूपी के बस्ती के अटरडीहा गौशाला केंद्र में देखने को मिला। जहां एक गाय की मौत हो चुकी है जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

सवाल उठता है कि गौशाला जो गाय की सुरक्षा के लिए बना है वहां गाय की मौत कैसे हुई। लेकिन इन सवालों पर अब जिम्मेदार पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। 

संबंधित अधिकारियों से बातचीत का ऑडियो 


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का सपना था कि इस गौशाला का निर्माण हो जाने से क्षेत्र में छुट्टा पशुओं को पकड़कर इस गौशाला में रखा जाएगा और उनको समय से चारा मिलेगा। समय-समय पर उनकी देख-रेख सही ढंग से होगी, जिससे वह सुरक्षित रहेंगे। लेकिन बस्ती जिले के अधिकारियों और गौशाला में रहने वाले कर्मचारियों की लापरवाही के कारण गौशाला में रहने वाले जानवर गंदा पानी पीने से बीमार हो जा रहे हैं, लेकिन समय से इलाज ना होने के कारण उनकी मौत हो रही है। इस गौशाला में अधिकतर जानवर गंदा पानी पीने से बीमार पड़ गए हैं।